रांची: झारखंड की राजधानी रांची (Ranchi) के अनगड़ा में पत्थर खदान लीज मामले में सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ राज्यपाल से की गयी शिकायत झारखंड सरकार के गले की फांस बन गयी है। इस मामले में चुनाव आयोग (EC) ने सीएम हेमंत सोरेन को नोटिस भेज कर उनका भी पक्ष लिया है। वहीं मुख्यमंत्री सोरेन के राजनीतिक भविष्य को लेकर लगायी जा रही अटकलों के बीच प्रदेश के सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य शुक्रवार देर शाम को उनके आवास पर दूसरी बैठक के लिए पहुंचे। वही इस बीच प्रदेश की सत्ता पर काबिज संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि बैठक में यह सुनिश्चित करने के लिए रणनीति पर बातचीत हुई कि राज्य सरकार को किसी प्रकार का भी खतरा न हो। इस बीच मुख्यमंत्री सोरेन ने ट्वीट कर केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, 'आदिवासी का बेटा हूं। इनकी चाल से हमारा न कभी रास्ता रुका है, न हम लोग कभी इन लोगों से डरे हैं। हमारे पूर्वजों ने बहुत पहले ही हमारे मन से डर-भय को निकाल दिया है। हम आदिवासियों के DNA में डर एवं भय के लिए कोई जगह ही नहीं है।' झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की अगुवाई वाले सत्तारूढ़ गठबंधन में महत्वपूर्ण सहयोगी दल कांग्रेस के कुछ नेताओं ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि बीजेपी द्वारा विधायकों की संभावित खरीद-फरोख्त की कोशिश से बचने के विकल्प के तौर पर सभी को पश्चिम बंगाल, बिहार या छत्तीसगढ़ जैसे प्रदेश के किसी रिजॉर्ट में ठहराने के विकल्प पर भी विचार हो रहा है। इन नेताओं ने कहा कि भविष्य की कार्रवाई के बारे में निर्णय तभी लिया जाएगा जब राज्यपाल रमेश बैस, हेमंत सोरेन को विधायक के तौर पर अयोग्य ठहराने के निर्वाचन आयोग के फैसले पर अपने फैसले के बारे में उन्हें बता देंगे। सूत्रों के अनुसार, कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग (EC) ने राज्यपाल से कहा है कि चुनावी मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए सोरेन को विधायक (MLA) पद के लिए ‘अयोग्य’ करार देना चाहिए। आज से दो दिवसीय गुजरात दौरे पर पीएम मोदी, साबरमती पर बने 'अटल पुल' का करेंगे उद्घाटन 'पहिले तू हमरा के ठंडा करिए द...', तेजस्वी पर नित्यानंद राय का हमला PM कैंडिडेट होंगे नीतीश कुमार! सांसद, मंत्री और विधायक ने भरी हुंकार