'मैं और मेरे मंत्री नहीं लेंगे वेतन..', पाकिस्तान की 'कंगाली' पर बोले पीएम शाहबाज़ शरीफ

इस्लामाबाद: 1947 में भारत से अलग होकर इस्लामी मुल्क बना पाकिस्तान इन दिनों अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। अब महज 3 अरब डॉलर के फॉरेन रिजर्व (डिपॉजिट) के साथ दिवालिया होने के मुहाने पर खड़े पाकिस्तान को बचाने का अंतिम प्रयास शुरू हो चुका है। पीएम शाहबाज शरीफ ने बुधवार (22 फ़रवरी) रात सरकारी खर्च में भारी कटौती से संबंधित अहम ऐलान किए। उन्होंने कहा कि, मैं और कैबिनेट के बाकी मंत्री अपना वेतन नहीं लेंगे। तमाम केंद्रीय मंत्री अपना बिजली, पानी, गैस और टेलिफोन के बिल खुद भरेंगे।

पाक पीएम ने कहा कि, मंत्रियों के पास मौजूद लग्जरी गाड़ियां नीलाम की जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और नौकरशाहों से भी खर्च में कटौती का आग्रह किया गया है। हालाँकि, चौंकाने वाली बात ये है कि पाकिस्तान बनने के बाद से अब तक (76 साल) के दौर में करीब आधा समय देश चला चुकी ताकतवर सेना के बजट पर शरीफ ने एक शब्द भी नहीं कहा। वो भी तब जबकि पाकिस्तानी सेना के पास अरबों रुपए का बजट है। शाहबाज़ शरीफ ने कई केंद्रीय मंत्रियों के साथ प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की शर्तों को पूरा करने के लिए सरकारी खर्च में भारी कटौती की जा रही है। यह आम जनता के लिए सन्देश भी है। 

उन्होंने कहा कि, यह कटौती, खर्च में कमी के उपाय हैं। शरीफ ने आगे कहा कि, सरकार के खर्च कम करके हम करदाताओं के लाखों रुपए बचाएंगे। इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं और ये फैसला हमने बगैर किसी दबाव के अपनी मर्जी से किया है।

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