'मैं समोसे खाता ही नहीं..'. CID जांच और नोटिस जारी होने के बाद बोले सुक्खू

शिमला: हिमाचल प्रदेश में 'समोसा कांड' के नाम से मशहूर हुआ एक अजीबो-गरीब मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। यह मामला तब सामने आया जब राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को 21 अक्टूबर को CID मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में तीन बॉक्स समोसे और केक परोसे जाने थे। लेकिन गलती से ये व्यंजन मुख्यमंत्री तक पहुंचने के बजाय सुरक्षाकर्मियों को सर्व कर दिए गए। इस पर सीआईडी ने आंतरिक जांच शुरू की, और घटना को "सरकार-विरोधी" कृत्य करार दिया गया। इसके परिणामस्वरूप पांच पुलिसकर्मियों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि उन्हें इस घटना के बारे में जानकारी नहीं थी और वो खुद समोसे खाते भी नहीं हैं। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह "बचकानी हरकत" है और विपक्ष इसे जानबूझकर तूल दे रहा है। उन्होंने अपने बयान में बताया कि उनकी सरकार राज्य में आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए प्रयासरत है, और उनके नेतृत्व में राज्य ने हाल ही में तीन महीने की एक साथ सैलरी भी दी है। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला और कहा कि बीजेपी गांधी परिवार को लेकर अनावश्यक मुद्दे उठाती रहती है।

मामले के तूल पकड़ने पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने भी स्पष्टीकरण दिया कि सरकार ने सीआईडी जांच का आदेश नहीं दिया है, बल्कि यह सीआईडी का आंतरिक मामला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री केवल मुख्य अतिथि के तौर पर सीआईडी के एक कार्यक्रम में गए थे। स्वास्थ्य कारणों से मुख्यमंत्री बाहरी खाना नहीं खाते हैं। इस दौरान सीआईडी ने खुद विभागीय स्तर पर यह जांच शुरू की कि मुख्यमंत्री के लिए लाए गए समोसे और केक गलती से सुरक्षाकर्मियों को कैसे परोसे गए। 

बीजेपी ने इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कहा कि राज्य की चिंता का विषय विकास होना चाहिए, न कि मुख्यमंत्री के समोसे। उनका कहना है कि सरकार इस मामूली घटना को "सरकार-विरोधी" कृत्य बताकर अतिशयोक्ति कर रही है, जो हास्यास्पद है। शर्मा ने कहा कि इस घटना ने राज्य की सरकारी मशीनरी को शर्मिंदा कर दिया है, और इससे राज्य की साख पर भी असर पड़ रहा है।

इस विवाद पर राज्य सरकार के अधीन काम करने वाले डीजी सीआईडी संजीव रंजन ने कहा कि यह पूरी तरह से सीआईडी का आंतरिक मामला है और इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना गलत है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के बाद चाय पर चर्चा के दौरान किसी ने पूछा कि समोसे और केक का क्या हुआ, जिस पर जांच की गई। उनके अनुसार, यह मामला इतना गंभीर नहीं है जितना दिखाया जा रहा है, और इस पर कोई ठोस कार्रवाई या नोटिस जारी नहीं किया गया है। 

मुख्यमंत्री सुक्खू का कहना है कि जांच समोसे पर नहीं, बल्कि घटनाक्रम में हुई असंगठित प्रक्रिया और अनियमितताओं पर केंद्रित थी। लेकिन यह सवाल उठता है कि समोसा कांड पर CID जांच शुरू हो गई, पूरे मीडिया में खबर चलने लगी, 5 पुलिसकर्मियों को कारण बताओ नोटिस भेज दिया गया, इसे सरकार विरोधी कृत्य करार दे दिया गया। इसके बाद सीएम सुक्खू कह रहे हैं कि मैं तो समोसे खाता ही नहीं।  क्या ऐसा हो सकता है कि मुख्यमंत्री को ना पता हो कि राज्य की CID उनके समोसों की जांच कर रही है ?  

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