हाल ही में अबू धाबी में आयोजित आईफा अवार्ड्स 2024 में बॉलीवुड सितारों का जमावड़ा देखने को मिला। इस अवार्ड शो की मेजबानी शाहरुख खान, विक्की कौशल और फिल्म निर्माता करण जौहर ने की। शो के दौरान कई बड़े कलाकारों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई और विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त किए। शाहरुख खान को बेस्ट एक्टर के अवार्ड से नवाजा गया, जबकि ऐश्वर्या राय और रानी मुखर्जी ने बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड जीता। हेमंत राव का आईफा अवार्ड्स पर गुस्सा: जहां बॉलीवुड सितारे अपनी जीत का जश्न मना रहे थे, वहीं साउथ के मशहूर निर्देशक हेमंत राव ने इस अवार्ड शो के आयोजन पर गहरा असंतोष व्यक्त किया। हेमंत राव ने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट लिखते हुए आईफा अवार्ड्स को 'अपमानजनक' बताया। उन्होंने अपने पोस्ट में आईफा के अनुभव को लेकर कई सवाल उठाए और इसे बेहद असुविधाजनक बताया। “मैं सुबह 3 बजे तक बैठा रहा”: हेमंत राव, जो कन्नड़ सिनेमा में जाने-माने निर्देशक हैं, ने अवार्ड न मिलने पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा कि, "पूरी आईफा का अनुभव मेरे लिए बहुत असुविधाजनक और अपमानजनक था। मैं पिछले एक दशक से इस इंडस्ट्री में हूं और यह मेरा पहला अवार्ड शो नहीं था। हमेशा की तरह, विजेताओं को बुलाया जाता है, लेकिन इस बार मुझे सुबह 3 बजे तक बैठाए रखा गया, और अंत में समझ में आया कि कोई पुरस्कार नहीं है। यही हाल मेरे म्यूजिक डायरेक्टर चरण राज के साथ भी हुआ।” नॉमिनेटेड व्यक्तियों का जिक्र तक नहीं: राव ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, “यह आपका पुरस्कार है, आप जिसे चाहें दे सकते हैं। यह पूरी तरह आपकी पसंद है। मैंने बहुत सारे पुरस्कार नहीं जीते हैं और न ही इससे मेरी नींद खराब हुई है, लेकिन अगर सभी नॉमिनेटेड लोगों को बुलाया गया होता और उनमें से किसी एक को विजेता घोषित किया गया होता, तो मुझे कोई दिक्कत नहीं होती। इस साल के फॉर्मेट में सिर्फ विजेताओं को पुरस्कार दिया गया, जबकि नॉमिनेटेड व्यक्तियों का जिक्र तक नहीं किया गया।” "मुझे आपके अवॉर्ड की जरूरत नहीं": हेमंत राव यहीं नहीं रुके। उन्होंने पोस्ट में और भी कड़ा रुख अपनाते हुए लिखा, “शायद आपको और आपकी टीम को यह समझने में कुछ समय लगेगा कि आपका अवार्ड शो आपके मंच पर प्रदर्शित प्रतिभा पर चलता है, न कि उसके विपरीत। दुनिया में बेहतरीन काम का आनंद लेने के लिए मुझे आपके अवार्ड की जरूरत नहीं है। अगली बार जब आपको अपने मंच पर मेरी जरूरत होगी, तो मैं वहां नहीं रहूंगा। अपना पुरस्कार लें और इसे वहां रखें, जहां सूरज न चमके।” हेमंत राव की इस नाराजगी ने आईफा अवार्ड्स पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जबकि अवार्ड शो को मनोरंजन के रूप में देखा जाता है, राव ने इसे व्यक्तिगत रूप से एक बड़ा अपमान बताया। इस घटना ने दर्शकों के बीच यह चर्चा छेड़ दी है कि क्या अवार्ड शो में सिर्फ विजेताओं पर ही फोकस करना सही है, जबकि नॉमिनेटेड व्यक्तियों का सम्मान भी उतना ही जरूरी है। 'मोदी को हटाने तक मैं नहीं मरूंगा..', खड़गे के बयान पर क्या बोले अमित शाह? 'अमित शाह मुझे खत्म करना चाहते हैं', ऐसा क्यों बोले उद्धव ठाकरे? 'झूठ बोलने की मशीन हैं राहुल गांधी..', अग्निवीर वाले दावे पर भड़के अमित शाह