कोलकाता: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले लगातार चिंता का विषय बने हुए हैं। भारत में इस मामले को लेकर कई राजनीतिक दलों ने नाराजगी जताई है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के साथ-साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी बांग्लादेश की स्थिति पर चिंता जाहिर की है। हालांकि, ममता बनर्जी ने यह स्पष्ट किया कि चूंकि यह एक दूसरे देश का मामला है, इसलिए वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहतीं। पश्चिम बंगाल विधानसभा में बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि बांग्लादेश से जुड़े मसले पर केंद्र सरकार ही कोई निर्णय ले सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र की नीति का पालन करेगी और बांग्लादेश के मामलों में दखल देना राज्य के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही यह मामला दुखद है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। ममता ने यह भी बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर इस्कॉन के प्रतिनिधियों से बातचीत की है, लेकिन इस पर ज्यादा जानकारी साझा नहीं की। दूसरी ओर, बांग्लादेश में इस्कॉन को एक बड़ी राहत मिली है। वहां के हाई कोर्ट ने इस्कॉन की गतिविधियों पर रोक लगाने से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया। हाई कोर्ट में एक वकील मोहम्मद मोनिर उद्दीन ने इस्कॉन से संबंधित खबरें पेश करते हुए मांग की थी कि कोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर इस्कॉन पर बैन लगाए और कुछ क्षेत्रों में धारा 144 लागू करने का निर्देश दे। हालांकि, कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया। बांग्लादेश में इस तरह के मामलों पर भारत में चिंता व्यक्त की जा रही है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय संबंधों को देखते हुए इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से किसी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है। 'वसूली करती है यूपी पुलिस..', सपा सांसद डिंपल यादव ने प्रशासन पर लगाया गंभीर आरोप जम्मू कश्मीर: तिलक लगाकर स्कूल पहुंचा, तो प्रिंसिपल ने बच्चे को पीटा, हुआ सस्पेंड अजमेर दरगाह को मंदिर बताने पर आगबबूला हुए चंद्रशेखर, जानिए क्या कुछ बोले?