रांची: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने उनकी विधानसभा सदस्यता पर राज्यपाल के फैसले की प्रतीक्षा से जुड़े सवाल पर कहा कि यह प्रश्न उनसे (राज्यपाल) से पूछा जाना चाहिये। यह उत्तर देना उनकी जिम्मेदारी है। दूसरी तरफ (राजभवन) से कोई फैसला आने पर वह अपना जवाब देंगे। आगे क्या होगा यह वह नहीं कह सकते। विधानसभा उनके एवं प्रत्येक विधायक के लिये क्लास रूम है। इसलिए उन्होंने वहां पूरी बात कही। सभी विधायकों को सदन में कहना चाहिए। वे बुधवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। वही पुरानी पेंशन योजना लागू करने पर उनके प्रति आभार जताने के लिये आयोजित समारोह के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें जो कहना था वह सदन में कह चुके हैं। अब बोलने की बारी जनता की है। प्रदेश में राजनीतिक संशय की स्थिति के बीच UPA प्रतिनिधिमंडल से भेंट के चलते राज्यपाल ने जल्द फैसला लेने की बात कही थी, किन्तु इंतजार जारी रहने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सवाल जिन्हें फैसला लेना है उनसे पूछना चाहिए। बता दें कि सीएम ने सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र में बहुमत सिद्ध किया। अब उनकी विधानसभा सदस्यता पर राज्यपाल को अपना निर्णय लेना है। मुख्यमंत्री के नाम खनन लीज मामले में बीजेपी की शिकायत पर राज्यपाल के परामर्श मांगने के पश्चात् सुनवाई पूरी करके चुनाव आयोग ने मंतव्य राजभवन को बीते 25 अगस्त को सौंपा है। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा, 'विधानसभा प्रत्येक विधायक के लिए क्लास रूम है। इसलिए मैंने वहां पूरी बात कही। राजनीतिक संशय पर अब जवाब वही देंगे जो इसके जिम्मेदार हैं।' राजस्थान के सामाजिक न्याय मंत्री का जबलपुर दौरा, भाजपा पर साधा निशाना संबल योजना को लेकर जिला पंचायत सदस्य ने किया बड़ा खुलासा BJP, कांग्रेस और BSP नेताओं का कटा टिकट, मचा बवाल