भुवनेश्वर :हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में हिस्सा लिया, जिस पर विवाद हुआ। इस विवाद के बाद, पीएम मोदी ने भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम के दौरान अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग समाज को बांटने और तोड़ने में लगे हुए हैं और उन्हें गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। पीएम मोदी का इशारा कांग्रेस और उसके समर्थकों की ओर था, जिन्होंने इस घटना पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने गणेश पूजा में हिस्सा लिया, तो कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग नाराज हो गए। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कर्नाटक सरकार का भी जिक्र किया, जहाँ उन्होंने कहा कि भगवान गणेश की प्रतिमा को सलाखों के पीछे डाल दिया गया था, जिससे पूरे देश में नाराजगी फैल गई। उन्होंने इस घटना को समाज में नफरत फैलाने की मानसिकता बताया और कहा कि यह देश के लिए खतरनाक है। पीएम मोदी ने इस तरह की सोच पर अंकुश लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने गणेश उत्सव के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है, बल्कि भारत की आजादी की लड़ाई में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अंग्रेजों ने 'बांटो और राज करो' की नीति अपनाई थी, और उस समय गणेश उत्सव ने समाज को एकजुट करने का काम किया था। इसलिए गणेशोत्सव अंग्रेज़ों को भी खटकता था। पीएम मोदी ने कहा कि, गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया था..। तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेद-भाव... इन सब से ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है। उन्हने कहा कि, बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को CJI डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल हुए थे। सोशल मीडिया पर उन्होंने इस मुलाकात की तस्वीर भी साझा की, जिसमें वह सीजेआई और उनकी पत्नी के साथ गणपति की पूजा करते नजर आ रहे हैं। पीएम मोदी मराठी पोशाक में थे और उन्होंने मराठी टोपी भी पहनी हुई थी। सूत्रों के अनुसार, सीजेआई चंद्रचूड़ ने गणपति पूजा के लिए पीएम मोदी सहित कई गणमान्य लोगों को निमंत्रण भेजा था। सीजेआई के घर पर प्रतिदिन कई लोग पूजा में शामिल होते हैं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट के जज और अन्य अधिकारी भी होते हैं। पीएम मोदी भी थोड़ी देर के लिए पूजा में शामिल हुए और प्रसाद लेकर वहां से निकल गए। अब सवाल यह उठता है कि जब पीएम मोदी सीजेआई के घर निमंत्रण पर गणेश पूजा में शामिल हुए, तो न्यायपालिका पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, जबकि उनका पूजा में शामिल होते हुए वीडियो भी है। लेकिन जब राहुल गांधी डोकलाम विवाद के समय चोरी-छिपे चीनी राजदूत से मिले थे, तब कांग्रेस ने मुलाकात की बात मानने से इंकार कर दिया था, जब तक कि चीन ने खुद मीटिंग की तस्वीरें जारी नहीं कीं। क्या तब कांग्रेस ने राहुल गांधी पर शक किया था? आज भी राहुल गांधी अमेरिका में डोनाल्ड लू और इल्हान उमर जैसे भारत विरोधियों से मिल रहे हैं, पर क्या किसी को पता है कि उनके बीच क्या बातचीत होती है? तो सवाल उठता है, क्या कांग्रेस और विपक्ष राहुल गांधी पर भी इसी तरह शक करेगा, या फिर बे सिर-पैर के आरोप लगाना उनकी आदत बन चुकी है? महिलाओं को प्रतिवर्ष 10000..! पीएम मोदी ने शुरू की सुभद्रा योजना, आवास की क़िस्त जारी बांग्लादेश में हिन्दुओं का नरसंहार, यहाँ क्रिकेट खेल रही टीम इंडिया, ट्रेंड हुआ #Shameless 'कोलकाता रेप-मर्डर केस की लाइव स्ट्रीमिंग रोकी जाए..', सिब्बल की मांग पर क्या बोला SC?