'शहीद दिवस पर मुझे नज़रबंद कर दिया..', महबूबा मुफ़्ती ने दिखाई दरवाजे पर ताले की तस्वीर

श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें कश्मीर शहीद दिवस पर मजार-ए-शुहादा जाने से रोकने के लिए नजरबंद किया गया। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने अपने आवास के गेट पर ताला लगे होने की तस्वीरें एक्स पर साझा कीं है।

उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है कि, "मुझे मजार-ए-शुहादा जाने से रोकने के लिए मेरे घर के दरवाजे एक बार फिर बंद कर दिए गए हैं। ये सत्तावाद, उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ कश्मीर के प्रतिरोध और लचीलेपन का एक स्थायी प्रतीक है। हमारे शहीदों का बलिदान इस बात का प्रमाण है कि कश्मीरियों की भावना को कुचला नहीं जा सकता। आज इस दिन शहीद हुए प्रदर्शनकारियों की याद में इसे मनाना भी अपराध बन गया है।" बता दें कि, प्रत्येक वर्ष 13 जुलाई को अधिकतर मुस्लिम नेता श्रीनगर स्थित मजार-ए-शुहादा पर उन 22 प्रदर्शनकारियों को श्रद्धांजलि देने आते हैं, जो शेख अब्दुल्ला जैसे मुस्लिम नेताओं के नेतृत्व में तत्कालीन महाराजा के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे और इसके बाद 1931 में तत्कालीन महाराजा की सेना ने गोली मार दी थी।

केंद्र पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह "हमारी सामूहिक स्मृतियों को मिटाने" की कोशिश है। वहीं, नेशनल कांफ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि, "एक और 13 जुलाई, शहीद दिवस, फिर से दरवाजे बंद... देश में हर जगह इन लोगों की शहादत का जश्न मनाया जाता है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में प्रशासन इन बलिदानों को नजरअंदाज करना चाहता है। यह आखिरी साल है, जब वे ऐसा कर पाएंगे। इंशाअल्लाह, अगले साल हम 13 जुलाई को उस गंभीरता और सम्मान के साथ मनाएंगे, जिसका यह दिन हकदार है।

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