एक झटके में भारत से समाप्त हो सकता है 'कोरोना', इस प्लान को मिली हरी झंडी

पीएम मोदी ने भारत में कोरोना वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन किया. लेकिन फिर भी वायरस का संक्रमण फैल रहा है. वही, अब देश भर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बड़े पैमाने पर जांच अभियान को हरी झंडी दे दी गई है. भारतीय चिकित्सा शोध परिषद ने कई और लैब को कोविड-19 की जांच के लिए अधिकृत कर दिया है. इसके साथ ही आइसीएमआर ने रक्त नमूनों से एंटीबाडी परीक्षण को भी मंजूरी दे दी है. अब डिपार्टमेंट आफ बायोटेक्नालाजी (डीबीटी), डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नालाजी (डीएसटी), काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्टि्रयल रिसर्च (सीएसआइआर) और डिपार्टमेंट आफ एटामिक रिसर्च (डीएई) की लैब में भी कोविड-19 के नमूनों की जांच हो सकेगी.

लॉकडाउन से न हो परेशान, अब पुलिस पहुंचाएगी घर तक जरूरत का सामान

इस मामले को लेकर आइसीएमआर के एक अधिकारी ने बताया कि इन संस्थाओं की लैब को कोरोना की जांच शुरू करने से पहले परिषद द्वारा जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है. आइसीएमआर की ओर से कहा गया कि यह वायरस बहुत ही खतरनाक है. इसका नमूने कई स्तरों से होकर जांच के लिए पहुंचते हैं. किसी भी स्तर पर अप्रशिक्षित कर्मचारी नहीं लगाया जा सकता. जरा सी भी लापरवाही में यह वायरस लैब को संक्रमित कर सबके लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है.

रोहतक की महिला ने दिल्ली में तोड़ा दम, कोरोना से थी पीड़ित

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आइसीएमआर की ओर से स्पष्ट किया गया है कि कि वह इन संस्थाओं को कोई जांच किट या रसायन उपलब्ध नहीं करायेगी. ये लैब सरकारी संस्थाओं और सरकारी अभियानों द्वारा भेजे गये नमूनों की ही जांच करेंगी. परिषद ने कहा कि ये लैब चूंकि प्रतिष्ठित संस्थानों के अधीन हैं इसलिए वह न तो इनका मौका मुआयना करेगी और न ही किसी तरह का अनुमति समझौता करेगी. इस संबंध में कोई समझौता करने के लिए इन विभागों के सचिव ही उपयुक्त होंगे. इन जांच लैब की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी. आइसीएमआर ने मेडिकल कचरे के निस्तारण के लिए नियमों का कड़ाई से पालन करने को भी कहा है.

LOCKDOWN के बाद भी कई जगह पर चले रहे कार्यालय, बढ़ रहा मौत का खतरा

कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की नई पहल, आउटसोर्स पर रखे जाएंगे स्टाफ

अब किसानों के घर से लाया जाएगा राशन, मिली करोड़ों की सीसीएल मंजूरी

Related News