नई दिल्ली: कोरोना की तीसरी लहर की संभावना पर लगातार चिंता व्यक्त की जा रही है. किन्तु अब ICMR द्वारा किए गए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि यदि कोरोना की तीसरी लहर आती भी है, तो इसके दूसरी लहर की तरह भयावह होने के आसार नहीं हैं. इस स्टडी को इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) में प्रकाशित किया गया है. स्टडी में कहा गया है कि वैक्सीन संक्रमण की गंभीरता से 60 फीसदी तक सुरक्षा देती है. आने वाले कुछ दिनों तक भारत में बड़े पैमाने में लोगों का टीकाकरण किया जाए तो अगली लहर के उतना प्रबल होने के आसार नहीं है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 40 फीसदी आबादी ने दूसरी लहर के तीन माह के भीतर दोनों डोज़ ले ली हैं. इसमें कहा गया है कि टीकाकरण का प्रभाव संक्रमण की गंभीरता को 60 फीसद तक कम करने के लिए है. इससे यह दिखता है कि संभावित तीसरी लहर के दौरान टीकाकरण गंभीरता को बहुत हद तक कम कर सकता है. तीसरी लहर के संबंध में चार परिकल्पनाओं (hypotheses) पर विचार करते हुए स्टडी में कहा गया है कि संक्रमण-आधारित प्रतिरक्षा क्षमता समय के साथ कम हो सकती है, पहले से संक्रमित हुए लोग पुन: संक्रमित हो सकते हैं, भले ही मौजूदा वायरस अपरिवर्तित (Unchanged) रहे. हम साबित करना चाहते थे कि हम ODI क्रिकेट खेल सकते हैं...', 1983 को याद कर बोले कपिल देव चंद दिनों की राहत के बाद फिर भड़की पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आग, जानिए क्या है नया भाव? बांग्लादेश ने 28 जून से राष्ट्रव्यापी ' हार्ड लॉकडाउन ' का किया एलान