आइडिया और वोडाफोन के विलय से 25 हजार लोगों की नौकरी खतरे में

नई दिल्ली / मुम्बई : जब से टेलीकॉम क्षेत्र में रिलायंस जियो ने कदम रखा है, तब से अन्य प्रतिस्पर्धी कम्पनियों में भी घबराहट है.इसीलिए रिलायंस जियो का मुकाबला करने के लिए आइडिया और वोडाफोन कम्पनियों ने एकीकरण करने का फैसला किया है. लेकिन इस फैसले से अगले 18 महीने की एकीकरण प्रक्रिया के दौरान टेलीकॉम के क्षेत्र में 10 हजार से 25 हजार लोगों की नौकरी पर तलवार लटक गई है.

उल्लेखनीय है कि मोबाइल की दुनिया में रिलायंस जियो की सस्ती कॉल दरें और फ्री इंटरनेट के ऑफर्स ने पूरे टेलिकॉम इंडस्ट्री में हंगामा मचा रखा है. अभी तक टेलिकॉम के दिग्गज एयरटेल की वार्षिक कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा मोबाइल इंटरनेट सर्विस से आता था. लेकिन रिलायंस जियो की 4जी सर्विस के साथ मार्केट में फिर से प्रवेश से एयरटेल और अन्य मोबाइल कंपनियों के सामने कड़ी चुनौती पैदा हो गई है.इसीलिए आइडिया और वोडाफोन ने एकीकरण का निर्णय लिया है.

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि देश की टेलिकॉम इंडस्ट्री का वार्षिक राजस्व 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये है. उसके खर्च में सबसे बड़ा हिस्सा लगभग 35,000 करोड़ रुपये मैनेजर्स और कर्मचारी पर खर्च होता है.बता दें कि टेलिकॉम सेक्टर की दिग्गज कंपनी एयरटेल में कर्मचारियों की संख्या 19,000 है, जबकि आइडिया में 17,000 और वोडाफोन में 13,000 कर्मचारी हैं. वहीं इंडस्ट्री की बाकी कंपनियों में एयरसेल में 8,000, आरकॉम में 7,500 और टाटा टेली में 5500 लोग नौकरी करते हैं.

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