घर में चार-बर्तन होंगे तो बजेंगे ही. यही बात लागु होती है घर में भाई-बहनो पर भी. झगड़ा हर रिश्ते में होता यही किन्तु जब रिश्ते में जहर घुल जाये तो दिमाग में अलार्म बज ही जाता है. इसी बात को मद्देनजर रखते हुए हम आपको बताते है कि यदि घर में भाई-बहन का झगड़ा हो तो पेरेंट्स क्या करे! अक्सर बच्चों के झगड़े में पेरेंट्स रेफरी बन कर आते है. यदि आप बच्चो के आपसी झगड़ो को खत्म करना चाहते है तो इस बात को अपने आप से दूर कर दीजिए कि बच्चे क्या सोचेंगे. पेरेंट्स का काम होता है कि बच्चो को सही बात सिखाना और तय है कि इसके लिए आपको कुछ सही तरीके सिखाने होंगे. आप एक काम कर सकते है कि बच्चो से कहे कि वे एक दूसरे की खासियत को एक पेपर पर लिखे. जब पहला बच्चा दूसरे बच्चे द्वारा लिखी खुद की तारीफे पढ़ेगा तो उसी ख़ुशी होगी. वह अपने दिल से उसके लिए गलत बात निकाल देगा. जान बच्चे अपने भाई या बहन की गलती बताए तो उनको बताएं कि उनकी बात खुल कर सुनें, साथ ही समझाएं जब आपको जरूरत थी तब भाई या बहन ने किस तरह आपकी मदद करी थी. जब बच्चों का झगड़ा ना सम्भले तो थोड़ी देर के लिए उन्हें दूर कर दे. उसके बाद उन्हें बाहर कही खेलने के लिए भेज दे. सम्भावना है कि कोई तीसरा बच्चा मैदान में देख कर वह एक जुट होके लड़े. ये भी पढ़े तीन बच्चो की माँ है ये महिला, देखकर यकीन नहीं करेंगे आप माँ को साथ रखने की बात पर बेटे को मिली अनोखी सज़ा सलमान विदेश में अपनी 'माँ' को फिर से सलाम करेंगे...