कोच्ची: केरल की पिनरई विजयन सरकार ने आज यानी बुधवार (17 मई) को स्वास्थ्य कर्मियों की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा अधिनियम में संशोधन के उद्देश्य से एक अध्यादेश को हरी झंडी दी है. इसके तहत हिंसा का कोई कृत्य करने, हिंसा करने की कोशिश करने, और हिंसा के लिए उकसाने वालों के लिए कम से कम 6 महीने से लेकर 5 साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही गंभीर रूप से शारीरिक चोट पहुंचने पर कम से कम एक साल की जेल और अधिकतम सात साल की सजा का नियम बनाया गया है. बता दें कि, कोट्टारक्कारा तालुक अस्पताल में एक मरीज द्वारा एक महिला हाउस सर्जन की चाकू मारकर हत्या कर दिए जाने के एक सप्ताह के अंदर इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई है. अध्यादेश के तहत यदि कोई भी व्यक्ति, जो हिंसा करता है या करने का प्रयास करता है या हिंसा के लिए उकसाता है या प्रेरित करता है, तो उसे कम से कम 6 माह से 5 वर्ष की कैद और 50,000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक के जुर्माने से दंडित करने का प्रावधान है. इसके साथ ही यदि स्वास्थ्य देखभाल सेवा कर्मी को गंभीर शारीरिक नुकसान पहुंचाया जाता है, तो ऐसे में दोषी को कम से कम 1 साल से 7 साल तक की जेल की सजा के अलावा कम से कम 1 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. वाराणसी में दुखद हादसा, बाइक को तेज रफ़्तार ट्रेक्टर ने मारी टक्कर, पिता और बेटा-बेटी की मौत कर्नाटक में खींचतान के बीच छत्तीसगढ़ में शुरू हुई ढाई-ढाई साल CM की चर्चा, टीएस सिंहदेव ने दिया बड़ा बयान चारधाम यात्रा में अब तक 24 श्रद्धालुओं की मौत, अधिकतर मौतों का कारण हार्ट अटैक