नई दिल्ली: स्वाति मालीवाल से मारपीट के मामले में आज (28 मई 2028) दिल्ली मुख्यमंत्री के निजी सहायक रहे विभव कुमार की तीस हजारी कोर्ट ने 3 दिन की पुलिस हिरासत और बढ़ा दी। इस फैसले को सुनाते समय अदालत में काफी ‘ड्रामा’ होने की भी खबर है। दरअसल, मीडिया में बताया जा रहा है कि विभव कुमार के अधिवक्ता ने अदालत में सवाल उठाए थे कि आखिर सरकारी अधिवक्ता, फैसला आने से पहले जज के चैंबर में क्यों बैठे थे। उन्होंने जज से भी पूछा कि आखिर वो अधिवक्ता उनके चैंबर में एक घंटे से क्या कर रहे थे तथा ‘अभी-अभी (कोर्ट में फैसले के वक्त) क्यों निकले हैं।’ बता दें कि इससे पहले तीस हजारी अदालत में सोमवार (27 मई 2028) को स्वाति मालीवाल एवं विभव कुमार के अधिवक्ताओं के बीच काफी जिरह हुई थी। स्वाति मालीवाल की तरफ से जहाँ दिल्ली कोर्ट में विभव की बेल का विरोध करते हुए कहा गया था कि यदि विभव को बेल मिली तो इससे उनकी और उनके परिवार की जान को खतरा हो सकता है, तो वहीं विभव कुमार के अधिवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास में जबरन स्वाति मालीवाल घुसीं तथा केस उनके खिलाफ हो रहा है। विभव कुमार के अधिवक्ता ने कहा कि उस दिन स्वाति मालीवाल सोच के आई थीं कि वो बिन पूछे घुसेंगी। क्या एक राज्यसभा सांसद होने के मतलब ये होता है कि मुख्यमंत्री आवास में बिन अनुमति घुस लिया जाए वो भी सिक्योरिटी जोन को क्रॉस करके। अधिवक्ता के अनुसार, सुरक्षाकर्मी स्वाति से बार-बार पूछ रहे थे कि क्या उन्होंने विभव से बात की है, क्योंकि विभव ही मुख्यमंत्री की सिक्योरिटी के लिए जवाबदेह होता। अधिवक्ता ने कहा कि उस दिन सुरक्षाकर्मियों ने आराम से स्वाति को घर से बाहर किया था तथा फुटेज में भी वो आराम से जा रही थीं। उन्होंने पूछा कि यदि घर में ऐसा कुछ हुआ भी था तो उन्होंने उसी दिन शिकायत क्यों नहीं दी, क्यों तीन दिन तक इंतजार किया गया। वो तो डीसीडब्लू की चीफ रही हैं। उन्हें अपने अधिकार पता है। यदि किसी अधिकार का उल्लंघन हुआ तो उन्हें शिकायत देनी चाहिए थी। अधिवक्ता ने कहा कि एक बार उस जगह को देखिए जहाँ घटना घटित बताई जा रही है, वहाँ बहुत लोग थे। प्रोटोकॉल अधिकारी, सिक्योरिटी अफसर भी। सब स्वाति को जानते थे। उन्होंने कहा कि ये सब सोच-समझकर किया गया है। लेकिन फिर भी वो सिर्फ बेल माँग रहे हैं। मामले से रिहा होने को नहीं कर रहे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, स्वाति मालीवाल सुनवाई के चलते एक जगह रोने लगी थीं। वहीं दिल्ली पुलिस के अधिवक्ता ने कहा, “आप एक महिला को बिन किसी उकसावे के पीटते हैं। उसके साथ खींचतान करते हैं। ऐसे मारते हैं कि उसकी बटन खुल जाते हैं। इसमें कोई मंशा देखने की जरूरत नहीं है। आप जो कर रहे थे उससे सम्मान आहत होता है।” दिल्ली पुलिस ने गौर करवाया कि अब सब कह रहे हैं कि मालीवाल मुख्यमंत्री की छवि खराब करने की योजना से उनके आवास पर गई थी, किन्तु ये मालूम हो कि पार्टी प्रमुख ने उन्हें लेडी सिंघम तक कहा है। अब वो कह रहे हैं वो उनकी छवि बिगाड़ने गई थी? दिल्ली पुलिस ने कहा कि स्वाति मालीवाल केजरीवाल के साथ बहुत पहले से हैं। विभव के साथ होने से पहले भी। इसके साथ पुलिस ने पूछा यदि स्वाति उस दिन जबरन घर में घुस भी रही थीं तो 100 नंबर पर कॉल क्यों नहीं किया गया। इस पूरी सुनवाई के चलते स्वाति मालीवाल ने बताया कि उन्हें केस के पश्चात् जान से मारने और बलात्कार की धमकियाँ आ रही हैं। उन्होंने कहा, “मुझे बुरी तरह पीटा गया। आप नेता कह रहे हैं कि मैं बीजेपी की एजेंट हूँ। आप के पास सोशल मीडिया ट्रॉल्स की एक बड़ी मशीनरी है। यदि यह आदमी बाहर आता है, तो यह मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत बड़ी मौत का खतरा होगा।” मुख्यमंत्री केजरीवाल को लेकर स्वाति मालीवाल ने यह भी कहा, “सीएम आरोपित के साथ घूम रहे हैं तथा उसे लखनऊ तथा अन्य स्थानों पर ले गए। उनके पास ट्रोल्स की बड़ी मशीनरी है, सभी पार्टी नेताओं को मेरे खिलाफ खड़े होने की चेतावनी दी गई है। वह (विभव कुमार) कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं, उसे ऐसी सुविधाएँ प्राप्त होती हैं जो मंत्रियों को भी नहीं मिलतीं। अगर वह बाहर आते हैं, तो मेरी और मेरे परिवार की जान को गंभीर खतरा हो जाएगा।” इस जिरह के पश्चात् दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने विभव कुमार की 3 दिन की हिरासत बढ़ाने का फैसला सुनाया। 'मुझसे जबरदस्ती भ्रष्टाचार करवाया..', 187 करोड़ की हेराफेरी मामले में कर्नाटक के सरकारी कर्मचारी ने की ख़ुदकुशी, लिखे अफसरों के नाम काम नहीं आई कपिल सिब्बल की दलीलें, दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद को जमानत देने से कोर्ट का इनकार जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बारामूला में आतंक संचालकों की संपत्ति जब्त की