इस समय लॉकडाउन के चलते सभी के काम बंद है फिर वह सेक्स वर्कर ही क्यों ना हो. अब यह समय ऐसा है कि ब्राजील के रियो डी जेनेरो शहर की गलियां खाली हैं और सड़कें सूनसान हैं. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से लोग एक-दूसरे से दूर रह रहे हैं. इन सभी का सबसे ज्यादा असर सेक्स वर्करों पर पड़ रहा है, खासतौर से ट्रांसजेंडर सेक्स वर्कर पर. जी दरअसल ट्रांसजेंडर के मामले में ब्राजील पहले से ही सबसे खतरनाक देश कहलाता है और यहां ट्रांसजेंडर सेक्स वर्करों पर कोरोना वायरस की दोहरी मार देखने के लिए मिल रही है. यहाँ पर ग्राहक और आमदनी ना मिलने की वजह से ट्रांस सेक्स वर्कर्स को कई गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं उत्तर-पूर्वी ब्राजील की 44 साल की एल्बा तवरेज का कहना है, 'आप खाली सड़कें, बंद दुकानें और गिरती हुई अर्थव्यवस्था देख सकते हैं. मैं अब वेश्यावृत्ति की उस दौड़ में नहीं हूं लेकिन हां, मैं अब भी ये काम करती हूं. यहां अब बहुत कम ग्राहक हैं.' इसी के साथ आपको यह भी बता दें कि ब्राजील में डर और पक्षपात की वजह से कई ट्रांसजेंडर देह व्यापार करने पर मजबूर हैं लेकिन उनके लिए ये राह आसान नहीं है. इस बारे में एल्बा तवरेज का कहना है, 'यहां सिर्फ वही जिंदा रह सकता है जो मजबूत हो और मैं बहुत कमजोर हूं. गरीब और ट्रांसजेडर होना मुझे और कमजोर बना देता है. हालांकि अगर मैं गरीब ना भी होती लेकिन ट्रांस रहती तब भी ये भेदभाव जारी रहता.' वहीं Covid-19 की चुनौती का सामना कर रही एल्बा ने कहा, 'हमें सरकार की तरफ से थोड़ी बहुत मदद मिल रही है पर वो काफी नहीं है. यहां अपराध और भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है और इन्हें रोकने के लिए सरकार के प्रयास बहुत कम हैं.' उनका कहना है, 'यह वास्तव में मुश्किल है क्योंकि सड़क पर लगभग कोई नहीं है... मैं एक सेक्स वर्कर हूं और यह मेरे लिए बहुत भयानक है. ग्राहक की तलाश में मैं अब भी बाहर जाती हूं क्योंकि अगर मैं अपने काम पर नहीं गई तो मैं भूख से मर जाऊंगी.' वहीं 26 साल की स्टेफनी गोनक्लेव दक्षिणपूर्वी ब्राजील में एक ट्रांस सेक्स वर्कर हैं और स्टेफनी का कहना है कि 'रियो में कोरोना वायरस फैलने के बाद जिंदगी बहुत कठिन हो गई है.' क्या वाकई महाराष्ट्र में तेजी से बढ़ रहा है साइबर क्राइम ? 2 दिन में 2 दलित नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म, फरार है आरोपी चेक पोस्ट पर तैनात जवान ने किया महिला का रेप!