किसी भी ग्राहक को कर्ज देने से पहले काफी सारी बातों का ध्यान रखा जाता है. बैंक या वित्तीय संस्थान कर्ज देने से बहुत से जानकारी को सुनिश्चित करते है. ताकि किसी भी तरह ग्राहक की कर्ज चुकाने की क्षमता को समझा जा सके. वही, यह भी जाना जाता है कि ग्राहक देय ब्याज के साथ लोन चुका पाएगा या नहीं. लोन देते समय क्रेडिट स्कोर देखा जाता है. यह उपाय ग्राहक के क्रेडिट हिस्ट्री, उसके बैंक और लोन खातों, पुनर्भुगतान ट्रैक रिकॉर्ड और कुल लोन स्तर से जुड़ी हर जानकारी दे देता है. विवेक को ट्रोलर ने कहा नेपोटिज्म बोर्न, एक्टर ने लगा दी क्लास क्रेडिट स्कोर की बात करें तो यह 300 से 900 के बीच होना चाहिए. एक बढ़िया क्रेडिट स्कोर 550 से 700 के बीच होता है और बहुत अच्छा क्रेडिट स्कोर 700 से 900 तक होता है. एक व्यक्ति अच्छी क्रेडिट आदतों को बढ़ा सकता है. हम बता रहे हैं कि आप कैसे अपना क्रेडिट स्कोर बढ़ा सकते हैं. आलिया के घर आया नया मेहमान एक अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाएं : ग्राहक को एक अच्छा क्रेडिट हिस्ट्री बनाना चाहिए, जिसमें विभिन्न प्रकार के क्रेडिट, अल्पावधि या दीर्घकालिक सुरक्षित ट्रैक को दिखाना चाहिए जिससे पता चले कि ग्राहक भविष्य में लोन भर सकता है. चीन के सैन्य अभ्यास के विरोध में उतरा अमेरिका क्रेडिट डिसिप्लिन : क्रेडिट के रीपेमेंट के संबंध में अनुशासन बनाना महत्वपूर्ण है. देय तारीख से पहले ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बकाया का भुगतान कर देना चाहिए. रिमाइंडर बनाना या ऑटो डिबेट निर्देशों की स्थापना इस अनुशासन को बनाए रखने के लिए अच्छी तरह से काम करती है. स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि आज, अमित शाह ने दी श्रद्धांजलि जॉइंट एकाउंट्स : जहां ग्राहक जॉइंट होल्डर है वहां लोन के लिए किए गए रीपेमेंट की निगरानी करना महत्वपूर्ण है. ग्राहक जॉइंट लोन पर ईएमआई भुगतान करने के लिए समान रूप से जिम्मेदार है और इसका क्रेडिट स्कोर पर सीधा असर पड़ता है. यही सिद्धांत ग्राहक द्वारा गारंटीकृत लोन पर भी लागू होता है. एमपी, यूपी और राजस्थान को जोड़ेगा चंबल एक्सप्रेस-वे, लाखों लोगों को मिलेगा रोज़गार - नितिन गडकरी भारत से तनाव के बीच चीन-पाक के विदेश मंत्रियों ने की बातचीत, इन मुद्दों पर हुई चर्चा ईरान पर इजराइल का बड़ा हमला, परमाणु ठिकाने पर ताबड़तोड़ दागे बम