नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने सोमवार को दिल्ली सरकार से कहा कि महानगर में प्रदूषण की समस्या पर रोक लगाने में विफल रहने के लिए वह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास 25 करोड़ रुपये जमा कराए। जानकारी के अनुसार बता दें कि एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने आप सरकार से कहा कि शीर्ष प्रदूषण नियंत्रण निकाय के पास कार्य निष्पादन गारंटी के तौर पर 25 करोड़ रुपये जमा कराए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि इसमें कोई कमी न रह जाए। जम्मू-कश्मीर: पंचायत चुनाव के सातवें चरण का हो रहा मतदान यहां हम आपको बता दें कि राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए ट्रिब्यूनल की ओर से कहा गया है कि वह अपने काम को करने में नाकाम रहती है तो उसे इस जुर्माने के अलावा हर महीने 10 करोड़ रुपये का फाइन भरना पड़ेगा। वहीं एनजीटी की ओर से स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि दिल्ली को जल्द से जल्द प्रदूषण रहित और सांस लेने के लायक बनाना है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में कहा गया 60 नहीं 58 साल में ही होंगे राज्य कर्मचारी सेवानिवृत्त वहीं इस बात पर कहा गया है कि स्पष्ट निर्देशों के बावजूद न्यायाधिकरण के आदेशों के पालन के लिए शायद ही कोई कदम उठाए गए और कानून के उल्लंघन के तहत प्रदूषण लगातार जारी है और अधिकारियों के नाक के नीचे यह सब हो रहा है। जिन्होंने बहाना बनाने और असहाय दिखने के अलावा कोई ठोस कदम नहीं उठाया। वहीं हरित निकाय ने कहा कि साढ़े चार वर्षों के बाद भी पीड़ित पक्षों की शिकायत यह है कि प्लास्टिक के अनियमित निस्तारण के कारण प्रदूषण लगातार जारी है। खबरें और भी सोहराबुद्दीन मामले में सीबीआई ने किया अदालत से आग्रह, कहा पूरी तरह ख़ारिज न की जाएं गवाहियां नेवी चीफ का दावा, हिन्द महासागर में चीन नहीं दिखा सकता भारतीय नौसेना को आँख मुंबई: गोरेगांव के पास जंगल में लगी अचानक आग