नई दिल्ली : युद्ध को अंतिम विकल्प मानते हुए पाकिस्तान को घेरने के लिए जब से भारत ने अपने कूटनीतिक प्रयास तेज किये हैं, तब से पाकिस्तान घबराया हुआ है. जब से सिंधु नदी के पानी को रोकने की बात हो रही है तब से पाकिस्तान की बौखलाहट और बढ़ गई है. अब पाकिस्तान धमकी भरे स्वर में कह रहा है कि यदि सिंधु नदी का पानी रोका गया तो फिर चीन ब्रम्हपुत्र का पानी रोक देगा. परसों सिंधु जल समझौते की समीक्षा के लिए पीएम मोदी द्वारा अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक करने के बाद पाकिस्तान इतना डर गया है कि उसके अधिकारी इस बात को लेकर विश्व बैंक से गुहार लगाने तक पहुंच गये. वहीँ पाकिस्तान में विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कल पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में सिंधु का बदला ब्रह्मपुत्र से लेने की धमकी दी, जबकि ब्रह्मपुत्र से पाकिस्तान का कोई लेना देना नहीं है. चीन से मतलब की दोस्ती के दम पर पाकिस्तान इतना उछल रहा है. उल्लेखनीय है कि करीब 3 हजार किलोमीटर लम्बी चीन से निकलने वाली ब्रम्हपुत्र नदी भारत में असम होते हुए बांग्लादेश में बहती है. ब्रह्मपुत्र पर बांध को लेकर पहले से ही भारत और चीन में विवाद जारी है. ऐसे हालातों में में चीन इस मामले को कितनी गहराई से लेगा यह कहना मुश्किल है. सिंधु नदी के जल को रोके जाने की खबर मात्रा से पाकिस्तान तिलमिला गया है.पाकिस्तान का कहना है कि भारत यदि यह समझौता रद्द करता है तो वह इस मामले को अंतर राष्ट्रीय न्यायालय में ले जाएगा. इसी सिलसिले में कल अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में पाकिस्तानी प्रतिनिधियों ने विश्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर समझौते को लेकर चर्चा की. बता दें कि 1960 में हुए भारत और पाकिस्तान इस समझौते में विश्व बैंक भी एक पक्ष है, लेकिन नासमझ पाकिस्तान को पता नही है कि समझौते में सिंधु के जिस बीस फीसदी पानी पर भारत का हक है अभी वही रोकने की बात हो रही है. सिंधु जल बंटवारे विवाद पर...