लखनऊ: हिन्दुओं के पवित्र धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस पर समाजवादी पार्टी (सपा) नेता स्वामी प्रसाद की बेहद अपमानजनक टिप्पणी पर बरेलवी मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने नाराज़गी जताई हैं। उन्होंने वीडियो जारी करते हुए कहा है कि हम समझते हैं कि इसके पीछे अखिलेश यादव का ही हाथ है। यदि उनका हाथ नहीं है, तो वे खुलकर सामने आएं और स्वामी प्रसाद का बयान वापस कराएं। मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा है कि किसी भी धर्म के पवित्र ग्रंथ पर टीका-टिप्पणी करना, कहीं से भी सही नहीं है। उन्होंने कुरान का हवाला देते हुए कहा कि इसमें कहा गया है किसी भी धार्मिक ग्रंथ या उससे संबंधित चीजों की आलोचना नहीं करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य और सपा प्रमुख अखिलेश यदि यह समझते हैं कि इस प्रकार के ऊल-जलूल बयानों से मुसलमान खुश होंगे, तो यह उनकी गलतफहमी है। मौलाना ने अखिलेश यादव से सवालिया लहजे में सवाल किया कि इस प्रकार एक मजहबी किताब की तौहीन करने की अनुमति उन्होंने अपने नेता को क्यों दी और यदि अनुमति नहीं दी है, तो उन्होंने स्वामी प्रसाद से मुलाकात के वक़्त उन्हें दंडित क्यों नहीं किया। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के भविष्य में इस्लामी किताब (कुरान) पर टीका-टिप्पणी करने का भी अंदेशा जाहिर किया ही। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में ऐसा हुआ तो अखिलेश क्या करेंगे ? रामचरितमानस जलाने वालों में सलीम भी शामिल, अखिलेश यादव भी धर्मग्रन्थ के विरोध में उतरे 'कश्मीर के लोगों ने मुझे ग्रेनेड नहीं, प्यार दिया..', बर्फ़बारी के बीच राहुल गांधी ने दिया भाषण 'मरते दम तक भाजपा से गठबंधन नहीं करेंगे ..', सीएम नितीश कुमार का बड़ा ऐलान