अगर फसल हुई तबाह, तो मोदी सरकार देगी मुआवज़ा, किसान ऐसे करें आवेदन

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) भारत की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, जैसे आंधी, बाढ़, सूखा, और तूफान, के कारण होने वाले फसल नुकसान से बचाना है। 

किसान 31 दिसंबर 2024 तक इस योजना के तहत फसल बीमा के लिए आवेदन कर सकते हैं। रबी सीजन की फसलों का बीमा कराने के लिए यह अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। इस योजना का लाभ तब मिलता है जब किसी आपदा के कारण फसल को नुकसान होता है। वर्तमान में, किसान गेहूं, सरसों, चना, और अन्य रबी फसलों की बुवाई कर रहे हैं, और उन्हें आपदा सुरक्षा के लिए इस योजना में आवेदन करने की सलाह दी जा रही है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य निम्नलिखित है:

1. वित्तीय सहायता: अप्रत्याशित घटनाओं के कारण फसल हानि का सामना कर रहे किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना। 2. आय स्थिरता: किसानों की आय को स्थिर करके उनकी खेती में निरंतरता सुनिश्चित करना। 3.आधुनिक कृषि पद्धतियाँ: किसानों को नवीनतम और आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना। 4. ऋण प्रवाह सुनिश्चित करना: कृषि क्षेत्र में ऋण के प्रवाह को सुनिश्चित करना, जिससे खाद्य सुरक्षा, फसल विविधीकरण, और कृषि क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा मिले।

इस योजना के तहत खाद्य फसलों (अनाज, बाजरा, दालें), तिलहन, वार्षिक वाणिज्यिक, और वार्षिक बागवानी फसलों का बीमा किया जाता है। बीमा प्रीमियम के संबंध में, खरीफ सीजन की फसलों के लिए किसानों को कुल बीमा राशि का 2% प्रीमियम चुकाना पड़ता है, जबकि रबी सीजन के लिए यह दर घटकर 1.5% हो गई है। बागवानी और कमर्शियल फसलों के लिए किसानों को कुल राशि का 5% प्रीमियम देना होगा। 

किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अंतिम तिथि से पहले आवेदन करें ताकि वे इस योजना के लाभ उठा सकें और प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव से अपनी फसलों की सुरक्षा कर सकें।

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