एक व्यक्ति था वह धन के अभाव में इतना दुखी हो गया था की उसके मन में सिर्फ आत्महत्या करने का बार बार विचार आ रहा था और एक बार उसने आत्महत्या करने की ठान ही ली और एक दिन वह नदी में आत्महत्या करने चला गया वहां पंहुचकर व्यक्ति नदी के पास जाकर बैठ गया तभी उस नदी के पास से एक मनमौजी नाम का एक व्यक्ति निकला वह व्यक्ति नाम से ही मनमौजी नहीं था बल्कि वह दिल से भी मनमौजी था, तभी मनमौजी व्यक्ति नदी के पास से निकलते हुए उस दुखी व्यक्ति को देखा और उसके पास जाकर बोला की तुम ये क्या करने जा रहे हो शायद तुम जीवन के मूल्यों को नहीं जानते, यह मानव जीवन हमें आत्महत्या करने के लिए ही मिला है ऐसा करने से क्या तुम्हारा परिवार सुखी रह पायेगा और क्या मरने के बाद तुम्हे मुक्ति मिल पाएगी. ”नहीं” जो तुम करने जा रहे हो इसमें तुम्हारा ही नहीं बल्कि भगवान का भी अपमान है क्योकि ये जीवन तम्हे उसी दिया है और तुम इसे भगवान से छीनना चाहते हो ऐसा करने से तुम्हे कभी शान्ति नहीं मिलेगी. इतनी बाते सुनकर उस व्यक्ति ने पीछे मुड़कर देखा और से रोने लगा रोते रोते उस दुखी व्यक्ति ने मनमौजी व्यक्ति से कहा की मेरे परिवार ने 3 दिन से कुछ भी नहीं खाया मेरे घर छोटे छोटे बच्चे है वे लोग भूंख से तड़फड़ा रहे है और में उनलोगों को भूँखा नहीं देख सकता इसलिए में आत्महत्या करने जा रहा हूँ. उस दुखी व्यक्ति की व्यथा सुनकर मनमौजी व्यक्ति की आँखों में आंसू आ गए और उसने प्रण किया की अक्सर वह अपनी कमाई का आधा हिस्सा गरीबो में दान करेगा, वह व्यक्ति यह संकल्प करने के बाद दानपेटी को सड़क के बीचो बीच रख दिया और उस पर लिख दिया की व्यक्ति अपनी इच्छानुसार दान करके ग़रीबो की सहायता करें और उसके दूसरी और लिख दिया की वह व्यक्ति इस दान पेटी में से निःसंकोच पैसे निकालकर अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते है जिन व्यक्ति को सचमुच पैसे की जरुरत है वही लोग पैसे निकाले मुझे ख़ुशी होगी. अगर इस उंगली का नाखून अचानक टूट जाये तो समझ लें की.. अगर आप भी इस जगह बैठते है तो हो जाओ सावधान गुलाब और कपूर मिलकर करेंगे धन की कमी को पूरी ये छोटा सा काम करेंगे धन की समस्या को दूर