वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय वास्तुकला विज्ञान है जिसका उपयोग घरों, दुकानों या व्यवसायों में सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करने के लिए किया जाता है। वास्तु सिद्धांतों के अनुसार, इसके दिशा-निर्देशों के अनुरूप निर्मित संरचनाएं समृद्धि लाती हैं और देवी लक्ष्मी की निरंतर कृपा सुनिश्चित करती हैं। अगर आप नया घर या दुकान खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो वास्तु के नियमों का सख्ती से पालन करना उचित है। आइए वास्तु से जुड़ी कुछ मुख्य बातों पर नज़र डालें। घर और दुकान के लिए वास्तु शास्त्र के नियम वास्तु शास्त्र में, मुख्य दिशाओं का बहुत महत्व है। घर या दुकान का मुख्य द्वार आदर्श रूप से पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए। घरों में प्रार्थना कक्ष (पूजा स्थल) उत्तर-पूर्व कोने में होना चाहिए, जबकि बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होने की सलाह दी जाती है। इसी तरह, रसोई दक्षिण-पूर्व में स्थित होनी चाहिए, जिसे अग्नि कोण के रूप में जाना जाता है। संरचनात्मक दिशानिर्देश घर या दुकान का आकार आदर्श रूप से वर्गाकार या आयताकार होना चाहिए। वास्तु सिद्धांतों के अनुसार अनियमित आकार अशुभ माने जाते हैं। वास्तु के अनुसार, पर्याप्त खिड़कियाँ होना बहुत ज़रूरी है, ताकि प्राकृतिक रोशनी और हवा अंदर आ सके। खिड़कियाँ दक्षिण या पश्चिम दिशा में होनी चाहिए। घर या दुकान का मुख्य द्वार बड़ा और प्रभावशाली होना चाहिए, जिसके सामने कोई अवरोध न हो। स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए छत समतल होनी चाहिए। छत की ढलान और रंग वास्तु सिद्धांतों के अनुसार छत का ढलान दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए। दीवारों के लिए सफ़ेद या हल्के शेड जैसे हल्के और सुखदायक रंगों की सलाह दी जाती है क्योंकि वे सकारात्मकता और विकास को बढ़ावा देते हैं। गहरे रंगों का अत्यधिक उपयोग करने से बचें। जल स्थान घरों या दुकानों में पानी का भंडारण उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए तथा जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। पौधे और सजावटी सामान अपने घर या दुकान के आस-पास तुलसी, मनी प्लांट या एलोवेरा जैसे शुभ पौधे लगाएं। परिसर के पास कांटेदार पौधे लगाने से बचें। व्यावसायिक सफलता बढ़ाना व्यवसाय में सफलता पाने के लिए आप अपनी दुकान में श्री यंत्र, वास्तु यंत्र, क्रिस्टल कछुआ या क्रिस्टल बॉल जैसी चीज़ें रख सकते हैं। माना जाता है कि ये सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाते हैं। शंख स्थापना अपनी दुकान में शंख स्थापित करना शुभ माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, समृद्धि और सफलता आती है। अत्यधिक सजावट से बचें अपने घर या दुकान के प्रवेश द्वार को अलंकृत वस्तुओं से अत्यधिक सजाने से बचें। वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, इससे अच्छे अवसरों के आगमन में बाधा आ सकती है। प्रवेश द्वार हमेशा साफ और अव्यवस्था मुक्त होना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि अपने घर या दुकान को स्थापित करते समय इन वास्तु दिशानिर्देशों को लागू करने से समृद्धि और सफलता के लिए अनुकूल सामंजस्यपूर्ण वातावरण बनता है। INI CET Counselling 2024: दूसरे चरण की चॉइस फिलिंग की आखिरी तारीख आज, सीट आवंटन परिणाम 22 जून डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर: सहायक प्रोफेसर रिक्तियों के लिए भर्ती सूचना, अभी आवेदन करें अपने बच्चों को सिखाएं चाणक्य के ये कोट्स, यकीन मानिए बदल जाएगी आपकी पूरी जिंदगी