बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ एक स्कूल के प्रधानपाठक ने अनुचित व्यवहार की सारी हदें पार कर दीं। आरोप है कि प्रधानपाठक ने एक छात्रा से पेशाब पीने को कहा। इस घटना से आहत छात्रा के घरवाले कलेक्टर के पास शिकायत लेकर पहुंचे, तत्पश्चात, कलेक्टर ने प्रधानपाठक को निलंबित कर दिया। यह मामला बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर ब्लॉक स्थित माध्यमिक विद्यालय फुलीडुमर का है। जानकारी के अनुसार, सातवीं कक्षा की छात्रा ने प्रधानपाठक से दवा खाने के लिए पानी लेने की अनुमति मांगी थी। इसके जवाब में प्रधानपाठक ने उससे कहा कि वह पेशाब पी ले। यह घटना 30 अगस्त की है, जिस दिन सभी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को एल्बेंडाजोल टैबलेट खिलाई जा रही थी। सातवीं कक्षा की इस छात्रा को भी टैबलेट दी गई थी, किन्तु विद्यालय में पानी नहीं था। इसलिए उसने प्रधानपाठक से बाहर जाकर पानी पीने की अनुमति मांगी थी। सूत्रों के अनुसार, प्रधानपाठक रामकृष्ण त्रिपाठी ने छात्रा से पहले कहा कि वह गंदे नाले का पानी पी ले तथा यदि पानी न मिले तो अपना पेशाब पी ले। घर लौटने पर छात्रा ने यह घटना अपने घरवालों को बताई। इससे पहले भी इस शिक्षक के खिलाफ कई शिकायतें आ चुकी थीं। इस घटना से नाराज होकर स्कूल के अन्य छात्र-छात्राओं ने भी प्रधानपाठक के खिलाफ विरोध व्यक्त किया। परिजनों एवं ग्राम के सरपंच ने इस घटना की शिकायत अफसरों से की, जिससे मामला बढ़ गया। फिर बीईओ मनीष कुमार ने मामले की तहकीकात की तथा प्रतिवेदन डीईओ को सौंपा। कलेक्टर रिमिजियुस एक्का ने प्रधानपाठक रामकृष्ण त्रिपाठी को सस्पेंड कर दिया। 'पश्चिमी शिक्षा हराम है..', बोको हराम ने उजाड़ डाला एक और गाँव, 81 की हत्या गिरफ्तार हुआ छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा बनाने वाला मूर्तिकार 'पुलिस मामले को दबा रही...', बोले कोलकाता कांड में जान गंवाने वाली डॉक्टर के पिता