7.27 लाख रुपये कमाई होने पर नहीं देना होगा 1 भी रुपया, इनकम टैक्स को लेकर वित्त मंत्री का ऐलान

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार ने मध्यम वर्गीय लोगों को कई टैक्स बेनिफिट्स दिए हैं. इसमें 7.27 लाख रुपये वार्षिक आय वाले लोगों को इनकम टैक्स से छूट शामिल है. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सरकार समाज के प्रत्येक व्यक्ति को साथ लेकर चल रही है. जब 2023-24 के केंद्रीय बजट में 7 लाख रुपये तक की कमाई वालों के लिए आयकर में छूट देने का फैसला किया गया था, तब कुछ तबकों में इसको लेकर संदेह जताया गया था. संदेह इस बात को लेकर था कि 7 लाख रुपये से कुछ ज्यादा की आमदनी वाले का क्या होगा.

रिपोर्ट के अनुसार, सीतारमण ने कहा कि, इसलिए, हमने यह पता लगाने के लिए कि आप प्रत्येक अतिरिक्त 1 रुपये के लिये किस स्तर पर टैक्स चुकाते हैं, एक टीम के रूप में बैठकर विचार किया. उदाहरण के लिये 7.27 लाख रुपये के लिए, अब आप कोई टैक्स नहीं देना हैं. आपको तभी टैक्स देना हैं, जब कमाई इससे ऊपर होती है. वित्त मंत्री ने कहा कि, आपके पास 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) भी है. नई योजना के तहत, शिकायत यह थी कि कोई स्टैंडर्ड डिडक्शन नहीं थी. यह अब दी गई है. हम भुगतान दर और अनुपालन पक्ष में सरलता लाये हैं.

सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (MSMEs) का कुल बजट 2013-14 में 3,185 करोड़ रुपये था, जो 2023-24 में बढ़कर 22,138 करोड़ रुपये हो चुका है, ये लगभग 19 हज़ार करोड़ की बढ़ोतरी है. सीतारमण ने कहा कि यह 9 वर्षों में बजटीय आवंटन में तक़रीबन 7 गुना की बढ़ोतरी है. यह छोटे उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. वित्त मंत्री ने कहा कि सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिये सार्वजनिक खरीद नीति के तहत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के 158 उद्यमों ने कुल खरीद का 33 फीसद MSMEs से किया है और यह अब तक का सर्वाधिक है.

इसके साथ ही सीतारमण ने कारोबार सुगम बनाने (Ease of Doing Business) के लिये उठाये गए कदमों की भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वर्ल्ड बैंक के कारोबार सुगमता सूचकांक में देश की रैंकिंग 2014 में 142 थी, जो 2019 में सुधरकर 63 पर आ गई है. उन्होंने कहा कि, हमने 1,500 से ज्यादा पुराने कानूनों और तक़रीबन 39,000 अनुपालनों को निरस्त करके जरूरी अनुपालन बोझ को कम किया है. कंपनी अधिनियम को अपराधमुक्त कर दिया गया है.

बता दें कि, इसके साथ ही सीतारमण ने उडुपी में इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ जेम्स एंड जूलरी (IIGJ) में सामान्य सुविधा केंद्र (CFC) का भी शुभारम्भ किया. सीतारमण ने ही 2017 में वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में उडुपी में IIGJ की आधारशिला रखी थी. यह संस्थान क्षेत्र के युवाओं को हस्तनिर्मित आभूषण बनाने के विभिन्न पहलुओं में ट्रेनिंग देगा.

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