हर साल 7 नवंबर को भारत में राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस (National Cancer Awareness Day 2022) मनाया जाता है। वैसे तो कैंसर के आरभिंक लक्षणों पर ध्यान न दिया जाए तो थर्ड स्टेज पर इस रोग से मनुष्य को बचाना कठिन हो जाता है। इसके वॉर्निंग साइन वक़्त रहते पहचानकर आप किसी शख्स की जिंदगी बचा सकते हैं। वेबएमडी की एक रिपोर्ट के अनुसार, बॉडी में कैंसर के लक्षण अथवा वॉर्निंग साइन देखते ही आपको तत्काल चिकित्सक से मिलना चाहिए। आरभिंक स्टेज पर कैंसर का पता लगने से इसका उपचार हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर होने पर महिला तथा पुरुष दोनों में समान लक्षण देखे जा सकते हैं। डिप्रेशन अथवा फ्लू में मनुष्य की भूख मर जाती है। कैंसर आपके मेटाबॉलिज्म पर प्रभाव डालकर ऐसा कर सकता है। पेट, पैंक्रियाज, बड़ी आंत अथवा ओवेरियन कैंसर होने पर पेट में दबाव फील होता है, जिस कारण आपको भूख नहीं लगती है। मल में खून आना भी कैंसर का बड़ा वॉर्निंग साइन है। हालांकि अल्सर, बवासीर अथवा इंफेक्शन होने पर भी ऐसा हो सकता है। मल में ब्लड आने का अर्थ आपके गैस्ट्रो-इंटसटाइनल ट्रैक्ट में कोई दिक्कत है। मल के मार्ग आने वाला खून यदि ब्राइट है तो रेक्टम (मलाशय) या इंटस्टाइन की परेशानी हो सकती है। डार्क कलर पेट के अल्सर की ओर संकेत करता है। हालांकि दोनों ही सूरतों में इसकी जांच कराना आवश्यक है। पेशाब में खून आना भी कैंसर का एक बड़ा इशारा है। ये किडनी अथवा ब्लैडर कैंसर का लक्षण हो सकता है। हालांकि पथरी (किडनी स्टोन) अथवा किडनी डिसीज होने पर भी ऐसी दिक्कत होती है। ऐसा होने पर तत्काल चिकित्सक से इसका टेस्ट करवाना चाहिए। यदि आपको लंबे वक़्त से खांसी है तथा उपचार के पश्चात् भी आराम नहीं आया तो फेफड़ों के कैंसर का टेस्ट करवा लीजिए। फेफड़ों का कैंसर होने पर छाती में दर्द, वजन घटना, गला बैठना, थकावट तथा सांस में समस्यां हो सकती है। ऐसे लक्षण कोल्ड-फ्लू में भी देखने को मिलते हैं। इसलिए इसका टेस्ट अवश्य करवाना चाहिए। सफाईकर्मी बनी कैटरीना, वीडियो देख चौंके लोग वर्ल्डकप के दौरान इस मशहूर क्रिकेटर ने किया बलात्कार, होटल से हुआ गिरफ्तार मात्र 280 रुपये में मिल रहा है 3.7 करोड़ रुपये वाला आलीशान घर, बस माननी होगी ये शर्त