कोलकाता: छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के हारने के एक दिन बाद, तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय महसचिव अभिषेक बनर्जी ने सबसे पुरानी पार्टी को सलाह दी है कि अगर वह चाहती है कि सभी गैर-भाजपा दल एक साथ लड़ें, तो उसे इसे अपने शब्दों से नहीं बल्कि अपने कार्यों से जाहिर करना चाहिए। तीन विधानसभा चुनावों के नतीजों का जिक्र करते हुए बंगाल सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक ने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में अंतिम शब्द जनता का होता है। उन्होंने आगे कहा कि, ''सभी को एक साथ लाने का प्रयास शुरू हो गया है। यदि आप चाहते हैं कि सभी लोग एक साथ लड़ें, तो यह आपके कार्यों में प्रतिबिंबित होना चाहिए, न कि आपके शब्दों में।' आगे बोलते हुए अभिषेक ने कहा कि कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ बहुत कम अंतर से हारी है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी ने एक साल पहले आंतरिक प्रतिद्वंद्विता को दूर करने के प्रयास किए होते, तो नतीजे अलग हो सकते थे। जब उनसे पूछा गया कि प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार कौन होगा, तो उन्होंने कहा कि यह जनता है जो 2024 में चेहरे का फैसला करेगी। चाहे वह राहुल गांधी हों, ममता बनर्जी हों, उद्धव ठाकरे हों या अरविंद केजरीवाल या कोई और। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा की हालिया जीत पश्चिम बंगाल चुनावों में दिखाई देगी, बनर्जी ने कहा कि राज्य में चुनाव अलग होंगे, क्योंकि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ या राजस्थान की तुलना में बंगाल में मुद्दे अलग हैं। '6-7 साल गुजर गए, जम्मू कश्मीर में चुनाव क्यों नहीं हुए..', शीतकालीन सत्र में पहुंचे फारूक अब्दुल्ला ने उठाया सवाल '20 साल पहले भी कांग्रेस 3 राज्य हारी थी, फिर लोकसभा चुनाव में..', शिकस्त में जयराम रमेश को दिखी आशा की किरण, कही ये बात 'EVM को हटाने की जरूरत है..', तीन राज्यों में मिली हार पर बोले कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी