आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में दान देने को सबसे श्रेष्ठ कार्य बताया है। उन्होंने कहा है कि आवश्यकताओं के स्थान पर धन का दान करने वाला मनुष्य हमेशा सुखी रहता है। आचार्य चाणक्य बताते हैं कि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन पर पैसा खर्च करने में इंसान को कभी भी कंजूसी नहीं करनी चाहिए। इन चीजों में धन का दान करने वाला हमेशा खुशहाल रहता है तथा उस पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। आचार्य चाणक्य का मानना है कि अगर आप धनवान हैं तो आपको खुले दिल से निर्धन एवं बेसहारा लोगों की मदद करनी चाहिए। ऐसा करने वाले मनुष्य को सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से सदैव संतोष की अनुभूति होती है। चाणक्य के मुताबिक, मनुष्य को धर्म से जुड़े कार्यों में दान करने में कभी भी कंजूसी नहीं करनी चाहिए। आचार्य चाणक्य का यह भी कहना है कि मनुष्य को मंदिर, धार्मिक स्थल या तीर्थस्थल के लिए दान करने से कभी हिचकिचाना नहीं चाहिए। समाज एवं देश के कल्याण के लिए होने वाले कार्यों में भी दिल खोलकर पैसा खर्च करना चाहिए। चाणक्य के मुताबिक, दान करने से मनुष्य को कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। वे कहते हैं कि दान देने से दौलत घटती नहीं, बल्कि बढ़ जाती है। सावन में कब चढ़ेगा कावड़ जल? जानिए मुहूर्त कैसे हुई कांवड़ यात्रा की शुरुआत? कब है वासुदेव द्वादशी? जानिए डेट और पूजा विधि