'भारत में रहना होगा तो राम-कृष्ण की जय कहना होगा': मोहन यादव

भोपाल: मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने जन्माष्टमी के मौके पर आयोजित एक सभा में कहा, "रहीम और रसखान ने इस भूमि से जुड़कर जीवन व्यतीत किया, इसलिए सदियों से हम उनका स्मरण करते हैं। लेकिन यहां की रोटी खाकर, कहीं और की बजाने वाले सावधान हो जाएं, यह अब नहीं चलेगा। भारत में रहना है, तो रामकृष्ण की जय कहना होगा। हम देश के भीतर सभी का सम्मान करना चाहते हैं और किसी का अपमान नहीं करते।"

सीएम ने आगे कहा, "यदि आप अवैध गतिविधियों में संलिप्त होंगे तथा कानून का उल्लंघन करेंगे, तो मध्य प्रदेश सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। शपथ लेने के दिन मैंने भगवान जुगलकिशोर को साक्षी मानकर यह संकल्प लिया था कि मैं आगे बढ़ते समय प्रभु श्री राम एवं प्रभु श्री कृष्ण की जयकार करते हुए आगे बढ़ूंगा। प्रभु श्री राम और प्रभु श्री कृष्ण ने हमें असुरी शक्तियों के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा दी है। हमें असुरी भावनाओं को पहचानने की जरुरत है। मैं किसी भी धर्म का विरोध नहीं करता, बल्कि सभी का सम्मान करता हूं। लेकिन कानून तोड़ने वालों को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी।"

सीएम का यह बयान छतरपुर की घटना के संदर्भ में हो रही राजनीति के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। छतरपुर कोतवाली में पथराव के मुख्य अपराधी हाजी शहजाद अली की हवेली गिराए जाने के पश्चात्, विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। इस घटना के पश्चात् सीएम ने पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि मध्य प्रदेश 'शांति का प्रदेश' है और कोई भी कानून को अपने हाथ में ले, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य में शांति और सौहार्द बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है। इस कार्रवाई के पश्चात् कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को ज्ञापन सौंपकर 'बुलडोजर न्याय' की प्रवृत्ति की निंदा की है। वहीं, AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी हाजी शहजाद अली के घर को गिराए जाने की आलोचना की तथा इसे राज्य प्रायोजित सांप्रदायिकता करार दिया। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी भाजपा सरकार पर हमला बोला है।

वही इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब महाराष्ट्र के हिंदू संत रामगिरि महाराज ने नासिक जिले के सिन्नर तालुका के शाह पंचाले गांव में एक धार्मिक आयोजन के चलते कथित तौर पर इस्लाम के खिलाफ टिप्पणी की थी। इसके विरोध में छतरपुर में मुस्लिम समुदाय ने 21 अगस्त को प्रदर्शन किया, जो बाद में हिंसक हो गया। धर्मगुरुओं के नेतृत्व में 300-400 लोग थाने में ज्ञापन सौंपने पहुंचे तथा रामगिरि महाराज के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पुलिस अफसरों से बहस के पश्चात् भीड़ ने थाने पर पथराव कर दिया। इस घटना के पश्चात् प्रशासन ने मुख्य आरोपी शहजाद अली के घर को ध्वस्त कर दिया, यह बोलते हुए कि इसका निर्माण बिना अनुमति के किया गया था।

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