11 साल की उम्र आते-आते जिद्दी बनता जा रहा है बच्चा तो इन ट्रिक्स से रखें ध्यान

जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, वे बाहर की दुनिया में ज्यादा रुचि दिखाने लगते हैं। यह समय होता है जब उनका ध्यान पढ़ाई से हट सकता है और वे माता-पिता की बातों को कम सुन सकते हैं। इस परिवर्तन को समझना और सही तरीके से हैंडल करना महत्वपूर्ण है। यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जो बच्चों के साथ बेहतर संबंध बनाने और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन देने में मदद कर सकते हैं।

1. हर बात पर "ना" न कहें बच्चों की हर डिमांड को तुरंत पूरा करना आवश्यक नहीं है। जब बच्चे अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए रोने या चिल्लाने लगते हैं, तो शांत रहना और उनके टैंट्रम को नजरअंदाज करना महत्वपूर्ण है। उन्हें यह समझाना चाहिए कि अगर वे शांति से बात नहीं करेंगे, तो उनकी बातें नहीं सुनी जाएंगी।

2. थोड़ी आजादी देना जरूरी है बच्चों को हर बात पर "ना" कहना उनकी निगेटिव इमेज बना सकता है। इसलिए, उन्हें दोस्तों के साथ खेलने, बातचीत करने और आसपास घूमने की अनुमति देना महत्वपूर्ण है। हालांकि, इस आजादी के साथ उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखना भी आवश्यक है।

3. गलती स्वीकार करने पर डांटें नहीं अगर बच्चा अपनी गलती स्वीकार कर रहा है और खुलकर बता रहा है, तो उसे डांटने के बजाय शांति से सुनना चाहिए। उस वक्त केवल ढांढस बंधाना उचित होता है। समझाने की प्रक्रिया बाद में की जानी चाहिए, ताकि बच्चा भविष्य में गलती न दोहराए।

4. बहस से बचें बच्चे के साथ बहस करने से बचना चाहिए। उनकी बातों में उलझने के बजाय कुछ शब्दों में प्रतिक्रिया दें। इससे बच्चे को सीखने और समझने का मौका मिलेगा और वे आपकी बातों को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे।

5. रोने-चिल्लाने से प्रभावित न हों जब बच्चा रोने या चिल्लाने लगे, तो उसकी भावनाओं से प्रभावित होकर उसकी हर मांग को पूरा न करें। इसके बजाय, बच्चे को सही तरीके से व्यवहार करने की आदत डालें। इसे सुधारने की लगातार कोशिश करें, ताकि बच्चा बड़े होकर समझदार बने।

6. सजा से बेहतर है बोलने की कला सिखाना बच्चे को हर गलती पर सजा देने के बजाय, उन्हें अपनी बात रखने का मौका दें। इससे उनकी कम्यूनिकेशन स्किल्स में सुधार होगा और वे अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से व्यक्त कर सकेंगे। उदाहरण के लिए, अगर बच्चा किसी चीज की अनुमति मांगता है, तो उसे यह सिखाना कि अपनी बातों से आपको मनाना चाहिए।

इन सरल लेकिन प्रभावी तरीकों से आप अपने बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन कर सकते हैं और उनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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