घुटनों का दर्द दूर करने के लिए अब हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) पालमपुर और टांडा मेडिकल कॉलेज (टीएमसी) मिलकर काम कर सकते है। इसके साथ ही दोनों संस्थानों में दर्द की दवा की खोज करने के लिए करार हुआ है।वहीं इस दवा में जड़ी-बूटियों और एलोपैथिक दवाओं का मिश्रण होगा और इस दवा के कोई साइड इफेक्ट नहीं होंगे। इसके साथ ही यह करार टांडा मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. भानु अवस्थी और आईएचबीटी के निदेशक डॉ. संजय कुमार के बीच हुआ है। इसके साथ ही आईएचबीटी इससे पहले आयुर्वेद पर करार कर चुका है, परन्तु किसी मेडिकल कॉलेज से दवाइयों के प्रोजेक्ट पर होने वाला यह पहला करार होगा।वहीं घुटनों के दर्द की दवा ईजाद करने के बाद अन्य दवाइयां तैयार करने पर काम होगा। हालांकि एलोपैथिक दवा बनाने पर करार हुआ है, परन्तु सूत्रों की मानें तो आईएचीबीटी में तैयार होने वाली एलोपैथिक दवाइयों में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का मिश्रण हो सकता है। ऐसा बताया जा रहा है कि एक माह के बीच प्रोजेक्ट शुरू हो सकता है । आपकी जानकारी के लिए बता दें की दवाइयों के प्रोजेक्ट को लेकर आईएचबीटी और टांडा मेडिकल कॉलेज के बीच एक करार हुआ है। इस पर एक माह के अंदर काम शुरू हो जाएगा। इसमें आने वाले दिनों में दवाइयों का बेहतर उत्पादन हो सकता है। कॉलेज की दीवारों पर लगा भारत विरोधी पोस्टर, पुलिस ने उठाया सख्त कदम हाई कोर्ट ने रोजगार सहायक भर्ती पर रोक लगाने का दिया आदेश, जानिए क्या हैं वजह आशुलिपिक के पदों पर वैकेंसी, जानिए क्या है शैक्षणिक योग्यता