लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के बीच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) गुवाहाटी के शोधकर्ताओं की कोशिश अगर प्रयोग के धरातल पर सफल रही तो वृद्धावस्था में होने वाली याददाश्त से जुड़ी बीमारी अल्जाइमर पर बहुत हद तक अंकुश लगाया जा सकेगा. शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने एक नया तरीका खोज निकाला है, जिसके जरिये थोड़े समय के लिए याददाश्त जाने की समस्या को रोका या कम किया जा सकता है. उत्तराखंड में आज मिले नौ संक्रमित कुल मरीजों की संख्या हुई 120 आपकी जानकारी के लिए बता दे कि शोधकर्ताओं की चार सदस्यीय टीम ने दिमाग में न्यूरोटॉक्सिक मोलेक्यूल्स को जमा होने से रोकने के तरीकों का पता लगाने के लिए अल्जाइमर के न्यूरोकेमिकल सिद्धांत का अध्ययन किया. दरअसल, अल्जाइमर के कारण पीड़ित की याददाश्त थोड़े समय के लिए चली जाती है और इसके लिए न्यूरोटॉक्सिक मोलेक्यूल्स (अणु) जिम्मेदार होते हैं. यह अध्ययन एसीएस केमिकल न्यूरोसाइंस, रॉयल सोसाइटी ऑफ केमेस्ट्री की पत्रिका आरएससी एडवांसेज, बीबीए और न्यूरोपेप्टाइड्स समेत प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुआ है. आंधी तूफान में अनियंत्रित होकर खाई में गिरी बाइक अपने बयान में संस्थान के जीव विज्ञान विभाग के प्रो. विपिन रामाकृष्णन ने बताया, 'अल्जाइमर की बीमारी का इलाज महत्वपूर्ण है. खासकर भारत के लिए जहां चीन और अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा अल्जाइमर के मरीज हैं. भारत में 40 लाख से ज्यादा लोगों को अल्जाइमर के कारण याददाश्त जाने की सामना करना पड़ता है. इसका उपलब्ध इलाज सिर्फ कुछ लक्षणों को धीमा करता है. अभी तक अल्जाइमर के लिए जिम्मेदार कारकों पर काम नहीं किया गया है.' राजीव गांधी की 'तीन' बड़ी गलतियां, जिनके 'दाग' आज तक नहीं धो पाई कांग्रेस कोरोना जांच करने में तीन हिमालयी राज्यों से पीछे है उत्तराखंड देहरादून में आज से खुलेंगे पार्लर, उपकरण करने होंगे सैनिटाइज