नई दिल्लीः आईएलएंडएफएस कर्ज भुगतान मामले में ईडी ने पहला आरोप पत्र दाखिल किया है। ईडी ने मुंबई की विशेष कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है। ईडी पहले ही इस मामले में करीब 570 करोड़ रुपये की संपत्तियों की कुर्की कर चुका है। ईडी के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि आरोप पत्र धनशोधन रोधी कानून (पीएमएलए) के तहत दाखिल किया गया। इस मामले में एक और आरोप पत्र दाखिल हो सकता है। आरोप पत्र में मौजूदा वित्तीय हालत के लिए आईएलएंडएफएस के निदेशकों तथा अन्य शीर्ष अधिकारियों के भ्रष्ट आचरण को जिम्मेदार ठहराया गया है। ईडी ने धनशोधन रोधी कानून के तहत आरोपी अधिकारियों की संपित्त अटैच करने का अंतरिम आदेश दिया है। आईएलएंडएफएस के निदेशकों रवि पार्थसारथी, रमेश बावा, हरि शंकरम, अरुण साहा और रामचंद करुणाकरन के दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, ब्रसेल्स और बेल्जियम स्थित बैंक खातों तथा अचल संपत्तियों को पहले ही अटैच किया जा चुका है। साहा और करुणाकरन को जून में गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने एयरसेल के संस्थापक सी. शिवशंकरन द्वारा परिजनों और समूह की कंपनियों के नाम अर्जित बैंक खातों और अचल संपत्तियों को भी अटैच किया है। इस मामले में अब तक कुर्क की गई संपत्ति की कुल कीमत करीब 570 करोड़ रुपये है। आईएलएंडएफएस ने विभिन्न कंपनियों को 95 हजार करोड़ रुपये का ऋण दिया और अक्तूबर में खुद को दीवालियाऐलान कर दिया। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दायर प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने इस वर्ष फरवरी में मनी लौंड्रिंग का मामला दायर किया था। ईडी ने आरोपपत्र में कहा कि आईएलएंडएफएस का वरिष्ठ प्रबंधक/अधिकारी कमिशनखोरी जैसे गैरकानूनी कृत्य में लिप्त था तथा कंपनी की लागत पर निजी लाभ कमाया। सप्ताह के पहले दिन बाज़ार में दिखी मजबूती, हरे निशान के साथ खुला सेंसेक्स पेट्रोल-डीजल के दामों में आई भारी गिरावट, जानिए क्या हैं आज के रेट वित्त मंत्रालय ने बीमा कंपनियों को दिया यह आदेश