हसन ने कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हटाया अवैध मदरसा, अब प्रशासन ने चला दिया बुलडोज़र

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में चरागाह की भूमि पर बने एक अवैध मदरसे को ध्वस्त कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस मदरसे को सरकार से मान्यता भी नहीं मिली हुई थी। इस मदरसे को हसन नामक एक शख्स चला रहा था। हालांकि, तहसीलदार कोर्ट ने 2 सितम्बर, 2022 को ही कानूनी तरीके से बाकायदा नोटिस जारी करते हुए अवैध निर्माण संचालक को खुद से हटाने का आदेश दिया था। ऐसा न होने के बाद प्रशासन ने अवैध मदरसे को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई सोमवार (12 सितम्बर, 2022) को हुई है।

 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मदरसा चरागाह की भूमि पर करीब 25 सालों से बना हुआ था। इसका निर्माण 1997 में अमेठी के टांडा-बांदा हाईवे के निकट गूजरटोला में हुआ था। सरकारी दस्तावेजों में यह जगह सरकारी चरागाह के रूप में दर्ज थी। जब स्थानीय लोगों ने इस अवैध कब्ज़े की शिकायत की, तो स्थानीय लेखपाल ने 27 जून, 2022 को इसकी रिपोर्ट तहसील में जमा की, जिसमें मदरसे के चरागाह की भूमि पर बने होने की पुष्टि हुई थी।

29 जून, 2022 को यह मामला जिले के तहसीलदार की कोर्ट में दर्ज हुआ। अदालत ने सुनवाई करते हुए 1 सितम्बर को मदरसा अवैध रूप से बना पाया और 2 सितम्बर तक उसको चलाने वाले हसन से उसे खुद से हटा लेने के निर्देश दिए। लेकिन हसन ने सियासी रसूख के कारण निर्धारित समय सीमा में अवैध मदरसे को नहीं हटाया, तब सोमवार को SDM भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँचे और 35 मिनट तक चले बुलडोजर के बाद मदरसे को ध्वस्त कर दिया गया। साथ ही मदरसा संचालक हसन पर 2 लाख 24 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इस कार्रवाई का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की हो जांच.., दिया जाए मुआवज़ा - संसदीय कमेटी

'हिन्दुओं का समर्थन करना छोड़ वरना..', गाजियाबाद के डॉक्टर को 'सिर तन से जुदा' की धमकी

दिल्ली में डेंगू का कहर, महज एक हफ्ते में मिले 51 नए मरीज

Related News