नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस को कालकाजी मंदिर परिसर में स्थित अवैध झुग्गियों और धर्मशालाओं में रह रहे लोगों को फ़ौरन खाली कराने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा है कि अवैध रूप से रहे लोगों को फ़ौरन हटाने की आवश्यकता है, क्योंकि 2 अप्रैल से शुरू हो रहे नवरात्र उत्सव के मंदिर में बड़े पैमानों पर आने वाले भक्तों के लिए समुचित व्यवस्था करने की जरूरत है। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने अपने आदेश में कहा है कि नवरात्र में मंदिर दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं, ऐसे में परिसर में अवैध झुग्गियों व धर्मशाला में लोगों का रहने देने से भक्तों की सुरक्षा को खतरा खतरा हो सकता है। अदालत ने आगे कहा है कि हमारे में पास मंदिर परिसर में अवैध रूप से रहे लोगों को खाली कराने के लिए पुलिस को आदेश देने के अतरिक्त कोई विकल्प नहीं बचा है, क्योंकि वे न तो अपने आप वहां से हट रहे हैं और न ही किराये पर फ्लैट में या रैन बसेरे में जा रहे हैं। यह टिप्पणी करते हुए न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह ने दिल्ली पुलिस के दक्षिणी रेंज के संयुक्त पुलिस उपायुक्त मीनू चौधरी, संबंधित पुलिस उपायुक्त इशा पांडेय को मंदिर परिसर में स्थित झुग्गियां व धर्मशाला खाली कराने की प्रक्रिया की निगरानी करने का आदेश दिया है। मालेगांव ब्लास्ट केस: एक और गवाह अपने बयान से मुकरा, अब तक 19 गवाहों ने मारी पलटी महीने भर के अंतराल के बाद व्यापार फिर से शुरू होने के साथ रूसी रूबल बढ़ गया 16 भारतीय मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना ने किया गिरफ्तार, नाव भी जब्त