नई दिल्ली: कोरोना का संक्रमण देश में काफी तेज़ी से फैल रहा है. देश में जिन लोगों को कोरोना हो रहा है, उनमें ज्यादातर लोग ऐसे भी है, जिनमें कोई लक्षण नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में इम्युनिटी बूस्ट के लिए लोगों की तरफ से कोशिशें की जा रही हैं. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने इस संकट के बीच लोगों से च्यवनप्राश, काढ़ा जैसी चीज़ों का उपयोग करने के लिए कहा है, किन्तु उनके इस कमेंट पर एक्सपर्ट्स ने सवाल खड़े किए हैं और चिंता व्यक्त की है. दरअसल, मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान वीके पॉल ने कहा कि, ‘यदि आपको कोरोना होता है, तो आप आयुर्वेद एक्सपर्ट से भी सलाह लें. इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए यदि कोई उपाय बताए जाते हैं, तो उनका पालन करें. सरकार की तरफ से भी गाइडलाइन्स जारी की गई हैं, जिनमें एक दिन में दो बार च्यवनप्राश, हल्दी वाला दूध, काढ़ा जैसी चीज़ों का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है.’ हालांकि, नीति आयोग के वीके पॉल की ये सलाह एक्सपर्ट्स को रास नहीं आई है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के पूर्व प्रमुख डॉ. रजन शर्मा ने कहा है कि ये कहना गलत है और लोगों को भ्रमित करने जैसा है. यदि आपको कोरोना होता है, तो आप काढ़ा पिएं, मगर अस्पताल ना जाएं? आप कहना क्या चाहते हैं, सिर्फ काढ़ा पिएं वैक्सीन ना लगवाएं? उन्होंने कहा कि इसे सुनने के बाद यदि किसी को कोरोना होता है, तो वह घर बैठकर हल्दी वाला दूध और काढ़ा ही पिएगा, बजाय की वो अस्पताल आकर सही उपचार ले. FICCI ने सरकार से COVID-19 टीकों के उत्पादन को प्रोत्साहन देने का किया आग्रह 24 फरवरी की तुलना में 7 अप्रैल तक पूरे भारत में रिटेल और मनोरंजन गतिविधि में आई गिरावट नई विदेशी संचालन विधेयक अंतरराष्ट्रीय अपराधों के लिए जवाबदेही को कर सकता है सीमित