19 साल बाद दिल्ली में मानसून की सबसे लेट एंट्री, 16 जुलाई के बाद होगी मूसलाधार बारिश

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और मॉनसून के बीच जारी आंखमिचौली आखिरकार खत्म हो गई. मौसम विभाग के वैज्ञानिकों की भी जान में जान आ गई, क्योंकि उनकी भविष्यवाणी लगातार गलत साबित हो रही थी. दिल्ली में कल सुबह ही बादल घिर आए और झमाझम वर्षा हुई. राजधानी की तपती धरती पर वर्षा की बूंदें पड़ीं तो मौसम सुहावना हो गया. राजधानी में बादलों ने झमाझम बारिश की तो, कई स्थानों जलभराव हो गया और कई जगह लोगों को लंबे सड़क जाम का सामना करना पड़ा. 

मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली में अब 16 जुलाई तक ऐसे ही हल्की-हल्की वर्षा होगी, उसके बाद दिल्ली भारी बारिश के लिए तैयार रहे. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अपने आगमन की सामान्य वक़्त से 16 दिन की देरी से राजधानी में पहुंचा है. विभाग के अनुसार, पिछले 19 वर्षों में मॉनसून की दिल्ली में ये सबसे लेट एंट्री है. इससे पहले वर्ष 2002 में मॉनसून 19 जुलाई को दिल्ली पहुंचा था. 

बता दें कि, आम तौर पर राजधानी में 27 जून को मानसून पहुंच जाता है और 8 जुलाई तक मॉनसून पूरे देश को कवर कर लेता है. गत वर्ष दिल्ली में मॉनसून 25 जून को पहुंचा था और 29 जून तक देश भर में छा गया था. IMD ने इससे पहले कहा था कि मॉनसून निर्धारित तिथि से 12 दिन पूर्व, 15 जून को दिल्ली पहुंचेगा, किन्तु हवाओं की स्थिति से इसका आगमन प्रभावित हुआ है. जून के शुरुआत में मौसम विभाग ने कहा था कि सात जुलाई तक दिल्ली और उत्तर पश्चिम भारत के अन्य इलाकों में मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो जाएंगी. 

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