वाशिंगटन: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) चीफ ने शुक्रवार को कहा कि अब यह बिल्कुल साफ़ हो गया है कि ग्लोबल इकॉनमी अब मंदी के दौर में पहुँच चुकी है, जो 2009 की मंदी से भी खराब या बदतर हो सकती है. IMF की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि 189-राष्ट्रों की लेंडिंग एजेंसी 2021 तक रिकवरी होने की भविष्यवाणी की है. किन्तु एजेंसी ने यह भी कहा है कि यह तभी हो पाएगा जब सभी मुल्क कोरोनोवायरस से निपटने में सफल हो पाएंगे और आर्थिक नुकसान को सीमित करने में कामयाब होंगे. उन्होंने कहा कि ग्लोबल इकॉनमी के अचानक लॉकडाउन होने से काफी दिनोंतक चलने वाले प्रभाव के बारे में एक महत्वपूर्ण चिंता दिवालिया होने और कंपनियों में छंटनी बढ़ने का संकट मंडरा रहा है. इससे रिकवरी होना कठिन लगता है और सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ सकता है. IMF के नीति-निर्धारण पैनल और 24 देशों के वित्त अधिकारियों के साथ एक टेलीफोन वार्ता के बाद उन्होंने कान्फ्रेंस में प्रेस वालों से बात की. उन्होंने कहा कि IMF अब अपने आर्थिक दृष्टिकोण को अपडेट कर रहा है और इसे कुछ सप्ताह में जारी किया जाएगा, जिससे एजेंसी को वायरस के आर्थिक प्रभावों का आकलन करने में ज्यादा समय लगेगा. यह पूछे जाने पर कि क्या US अब मंदी में आ गया है, तो उन्होंने बताया कि फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने गुरुवार को कहा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका एक बड़ी मंदी की तरफ बढ़ रहा है. उसने कहा कि वह न सिर्फ US बल्कि कई अन्य उन्नत अर्थव्यवस्थाएं और कई विकासशील देश पहले ही मंदी में प्रवेश कर चुके हैं. कोरोना को लेकर वैज्ञानिकों के मन में उठे सवाल, स्‍पेन ने चीन को वापस की किट पहले पूरी दुनिया को कोरोना से किया संक्रमित, अब चीन कर रहा यह काम कोरोना वायरस के चलते, अब चिनफिंग और ट्रम्प करेंगे युद्ध का एलान