नई दिल्लीः देश में चल रही आर्थिक सुस्ती के कारण उद्योग - धंधे मंद पड़े हैं। जिसके कारण भारी संख्या में छंटनी हो रही है। विपक्ष सरकार पर लगातार इस मुद्दे को लेकर हमलावर है। इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतीरमण ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का ऐलान किया। इसके पीछे उद्योगों को राहत पहुंचाने की कोशिश मानी जा रही है। सरकार के इस कदम का उद्योग जगत के साथ तमाम आर्थिक संस्थाओं ने भी स्वागत किया। इस कड़ी में इंटरनेशनल मोनेटरी फंड यानी आईएमएफ भी शामिल हो गया है। आईएमएफ ने बताया कि भारत के इस कदम से निवेश पर सकारात्मक प्रभाव पडे़गा। हालांकि, इसके साथ ही आईएमएफ ने कहा कि भारत को राजस्व समकेन पर ध्यान देना चाहिए और राजस्व की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करनी चाहिए। आईएमएफ में एशिया एंड पेसिफिक विभाग के निदेशक ने वॉशिंगटन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिपोर्टर्स से कहा, 'हम मानते हैं कि भारत के पास सीमित राजस्व है, इसलिए उन्हें सावचेत रहने की आवश्यकता है। हम कॉरपोरेट टैक्स कटौती के उनके फैसले का समर्थन करते हैं, क्योंकि इससे निवेश पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।' उन्होंने कहा, 'भारत में बीती दो तिमाही में दर्ज की गई सुस्ती को देखते हुए, अर्थव्यवस्था के इस वित्त वर्ष में 6.1 फीसद की दर से ग्रो करने की उम्मीद है। वहीं, यह 2020 में 7.0 फीसद तक जा सकती है।' आईएमएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से भी कहा गया है कि मोनेटरी पॉलिसी का प्रोत्साहन और कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की घोषणा से निवेश में तेजी आने की उम्मीद है। उधर आईएमएफ के एशिया और पेसिफिक विभाग की डिप्टी डायरेक्टर Anne-Marie Gulde-Wolf का कहना है कि भारत को अपने गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र के मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए। चीन की अर्थव्यवस्था भी खा रही गोते, 27 साल के सबसे निम्न स्तर पर पहुंची जीडीपी सिंगल-यूज प्लास्टिक का विकल्प पेश करने वाले को मिलेंगे तीन लाख रूपये एयर इंडिया को राहत, फिलहाल तेल सप्लाई नहीं रोकेंगी तेल कंपनियां