धनतेरस : धनतेरस के दिन हुआ था आयुर्वेद के देवता का जन्म, जानिए त्यौहार का महत्व

कार्तिक माह की त्रयोदशी को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान धनवंतरी समेत माता लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर जी और मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का भी विधान है. आइए जानते हैं इस त्यौहार का महत्व क्या है ?

धनतेरस का महत्व...

धनतेरस के दिन ही भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था. धनवंतरी जी को आयुर्वेद के देवता के रूप में जाना जाता है. समुद्र मंथन के समय भगवान धनवंतरी जी प्रकट हुए थे और उनके हाथ में एक कलश था, जो कि अमृत से भरा हुआ था. अतः इस दिन धनवंतरी जी समेत माता लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर जी और मृत्यु के देवता यमराज की भी पूजा की जाती है. धनतेरस को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. 

हिंदू धर्म के लोग धनतेरस के दिन बर्तन भी खरीदते हैं. यह परंपरा बेहद प्राचीन है. इस दौरान विशेष रूप से लोग सोने, पीतल और चाँदी के बर्तन खरीदते हैं, वहीं अगर आप पीतल के बर्तन प्रमुख रूप से खरीदते हैं तो यह आपके लिए काफी बेहतर होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि पीतल महर्षि धन्वंतरी की प्रिय धातु है. पीतल से सौभाग्य, स्वास्थ्य और आरोग्य लाभ की प्राप्ति हमें होती है. यह त्यौहार व्यापारियों के लिए भी काफी विशेष होता है. इस दिन व्यापारी नए बही-खाते खरीदते हैं और फिर दो दिन बाद यानी कि दीपावली के विशेष अवसर पर इनका विधिवत पूजन किया जाता है.

 

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