सामान्य ढंग से किए गए भजन-पूजन आत्मचेतना को जिस तरह संवारते- तराशते हैं|इसके साथ ही उसकी तुलना में प्राणायाम के साथ किए गए भजन-पूजन का परिणाम अधिक फायदेमंद होता है।वहीं वैज्ञानिक दृष्टि से किए गए अध्ययन बताते हैं कि प्राणायाम से इच्छा शक्ति बढ़ती है। वहीं इससे शारीरिक उलझनों के बीच धैर्य, उत्साह, उमंग और उल्लास के साथ साधना-साधने में बड़ी मदद मिलती है। डॉ. शोज ओटेव ने प्राणायाम के लाभों का स्वयं परीक्षण किया है।इसके साथ ही डॉ. शोज बुज ओटेव बचपन में ही क्षय (टी.बी.) से पीडि़त हो गए थे। इस दौरान उन्होंने बहुत इलाज करवाया, परन्तु कोई असर नहीं पड़ा तो उन्होंने प्राणायाम करना शुरू कर दिया। इसका उन्हें कुछ ही दिन में लाभ मिलने लगा। वहीं वह नियमित दो साल तक प्राणायाम करते रहे। इस अवधि में शरीर का वजन करीब नौ किलोग्राम बढ़ गया। इसके साथ ही दो साल प्राणायाम करने के बाद, जब उन्होंने जांच कराई तो टी.बी. का नामोनिशान तक नहीं था। शोज कहते हैं कि इसके बाद प्राणायाम में मेरी आस्था और बढ़ गई।वहीं इंग्लैंड के योगी जे. पी. मूलर ने ‘माई बीटिंग सिस्टम’ नामक किताब में इस बात पर जोर दिया है कि जिस तरह पढ़ाई के साथ खेलना-कूदना जरूरी है, उसी तरह प्राणायाम की भी शिक्षा व अभ्यास कराना चाहिए। इसके साथ ही अमेरिका के प्रसिद्ध प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. बर्नर मैकफैडन प्राणायाम को स्वास्थ्य, रक्षा व विकास का मूल साधन मानते हैं और सभी को इसका अभ्यास करने की सलाह देते हैं। भगवान गणेशजी की मूर्ति घर पर लगाए इस जगह, दूर होंगे सभी तरह के दोष शरीर के इस अंग पर तिल माने जाते हैं अशुभ मां लक्ष्मी के इस मन्त्र के जाप से दूर हो जायेगी दरिद्रता