आपने अक्सर देखा होगा कि पूजा के दौरान कलश रखा जाता है पूजा में कलश रखने के पीछे कई सारी बातें बताई जाती है लेकिन आपने कभी इस बात को जानने की कोशिश की हैं कि ऐसा क्यों होता है. अगर आप अब तक इस बात से अनजान हैं तो आज हम आपको बताएँगे कि पूजा के दौरान कलश क्यों रखा जाता है. शास्त्रों के अनुसार कलश दर्शन को देव दर्शन के समकक्ष माना गया है, कलश स्थापना के समय जिन श्लोकों का उच्चारण और जो भावना व्यक्त की जाती है, उसी से स्पष्ट हो जाता है कि कलश क्यों मंगलसूचक है. गौरतलब है कि जब भी हम नए घर में प्रवेश करते हैं तो बगैर कलश के नहीं करते हैं. दरअसल ऐसा बताया गया है कि कलश मंगलकामना के लिए है कलश या कुंभ पर श्रीफल रखने से उसकी शोभा दोगुनी होती है. ऐसा भी कहा गया है जिस तरह किसी भी काम को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है ठीक उसी तरह किसी भी महत्वपूर्ण काम को शुरू करने से पहले कलश की भी पूजा की जाती है. यही वजह है कि जब भी हम घर में किसी प्रकार की पूजा करते हैं तो वहां कलश मौजूद होता है. कलश भारतीय संस्कृति का अग्रगण्य प्रतीक है यही वजह है कि महत्वपूर्ण सभी शुभ प्रसंगों में पुण्याहवाचन कलश की साक्षी में तथा सान्निध्य में होता है. ये भी पूजा हींग का यह टोटका दिलाएगा हर समस्या से निजात जानिए कितने बुलंद हैं आज आपकी किस्मत के सितारे इस दिशा में घड़ी लगाई तो हो सकती है अकाल मृत्यु