ईरानी विदेश मंत्री जवाद जरीफ और शीर्ष रूसी राजनयिक सर्गेई लावरोव के मध्य 2015 के परमाणु समझौते पर विस्‍तार से वार्तालाब होने वाली है. दोनों मुल्के के मध्य द्विपक्षीय संबंधों और सीरिया के मौजूदा संकट पर भी चर्चा हुई. ये चर्चा इस लिहाज से अहम मानी जा रही है, क्‍योंकि वाशिंगटन ईरान पर संयुक्त राष्ट्र के हथियारों का विस्तार करने की मांग की जा रही है. जिसे अक्टूबर के बीच में खत्म किया जाना है. हालांकि, रूस और चीन ने अमेरिका की इस मांग का विरोध किया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मास्‍को यात्रा के समय जरीफ और राजनीतिक केस के उप विदेश मंत्री अब्बास अर्घची उनके के साथ हैं. कोरोना पीड़ित माँ के अंतिम दर्शन के लिए खिड़की पर चढ़ा बेटा, भावुक कर देगी ये दास्तां बता दे कि जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के नेताओं ने इतवार को ईरान से अपील की कि वह 2015 परमाणु समझौते का उल्लंघन न करे. तेहरान के संवर्धन की बॉर्डर का पालन नहीं करने की घोषणा करने के बाद इन मुल्कों के प्रमुख नेताओं ने यह अपील की. जर्मनी की चांसलर आंगेला मर्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने एक संयुक्त बयान जारी किया था. संयुक्त बयान में बताया गया कि हम ईरान से उन सभी कदमों को वापस लेने की अपील करते हैं, जो परमाणु समझौते के अनुरूप नहीं है. कोरोना पर अब तक के सबसे बड़े राहत पैकेज का ऐलान, EU देगा 64.04 लाख करोड़ रुपये इसके अलावा उधर, ईरान के साथ हुए बहुपक्षीय समझौते से अमेरिका के पीछे हटने और उस पर फिर से प्रतिबंध लगाने के जवाब में ईरान ने भी सख्त कदम को घोषित किया था. ईरान ने परमाणु समझौते से पीछे हटने से संबंधित अपने पांचवें कदम को अंतिम रूप देने का ऐलान किया है. इस बार भी ईरान ने बताया कि यदि इस समझौते से अमेरिका पीछे हटा तो इसके घातक रिजल्ट होंगे. कोरोना को लेकर चीन पर फिर भड़के ट्रम्प, कहा- वे इसे रोक सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया हांगकांग में कोहराम मचा सकता है कोरोना, जानकारों ने बोली चौकाने वाली बात जल्द बाजार में उपलब्ध होगी कोरोना को जड़ से मिटाने वाली दवा