इस्लामबाद: आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं पाकिस्तान की इमरान सरकार ने मुल्क के सभी प्रांतों को 'स्मार्ट लॉकडाउन' का सुझाव दिया है. इसके तहत लॉकडाउन सिर्फ उन क्षेत्रों में लगाया जाएगा, जहां कोरोना वायरस के नए मामले सामने आ रहे हैं. प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने रविवार को कहा कि कोरोना संक्रमण के नए मामलों वाले क्षेत्रों को छोड़कर बाकी इलाकों में सामान्य आवाजाही और कामकाज की शुरुआत कर देना चाहिए. सूत्रों का कहना है कि सरकार ने अफगानिस्तान में फंसे 800 पाकिस्तानी नागरिकों के प्रवेश के लिए तोरखाम और चमन बॉर्डर दो सप्ताह में दो बार खोलने का फैसला कर लिया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार तक पाकिस्तान में कोरोना संक्रमितों की संख्या 8,425 थी. देश में 176 लोगों की मौत हो चुकी है. पाकिस्तान सरकार पर कोरोना को लेकर गलतबयानी का आरोप: जंहा इस बात का पता चला है कि स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए ग्रांड नेशनल हेल्थ एलायंस (जीएनएचए) ने पाकिस्तान सरकार पर कोरोना को लेकर गलतबयानी का आरोप लगाया है. पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में जीएनएचए ने कहा है कि कोरोना के हालात को लेकर पीएम के विशेष स्वास्थ्य सलाहकार जफर मिर्जा और पंजाब प्रांत के स्वास्थ्य मंत्री यास्मीन राशिद ने मुल्क को धोखा दिया है. पाक में रमजान के दौरान सामूहिक नमाज पढ़ने की मिली इजाजत: वहीं यह भी कहा जा रहा है कि कट्टरपंथी मौलानाओं के आगे झुकते हुए पाकिस्तान सरकार ने पिछले दिनों रमजान के पवित्र महीने में मस्जिदों में सामूहिक नमाज पढ़ने की इजाजत दे दी गई. राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने धार्मिक नेताओं और सभी प्रांतों के राजनीतिक प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के बाद यह घोषणा की थी. अमेरिका ने दिखाया बड़ा दिल, भारत समेत अन्य देशों के छात्रों को देगा रोज़गार भारत की नई FDI पॉलिसी पर भड़का चीन, कहा- ये WTO का उल्लंघन कोरोना: एक दिन में 399 मौत, तबाही की कगार पर पहुंचा स्पेन