इस्लामबाद: आर्थिक तंगी के बाद अब कंगाली की स्थिति में पहुंच गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, जंहा अब उन्हें इस बात का अहसास होने लगा है कि भारत के साथ दुश्मनी के चलते उनके देश को भारी नुकसान के साथ परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इमरान ने बीते बुधवार यानी 22 जनवरी 2020 को यहां कहा कि भारत के साथ रिश्ते ठीक होने के बाद दुनिया को पाकिस्तान की आर्थिक क्षमता का पता चलेगा. डब्लूईएफ में पाक पीएम ने कहा- बातचीत से सुलझाना चाहते हैं सभी द्विपक्षीय मुद्दे: जंहा यह कहा जा रहा है कि पुराना राग अलापते हुए इमरान ने फिर कहा कि उनका देश भारत के साथ सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहता है. इमरान अब भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को दे रहे हैं तवज्जो: वहीं व‌र्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक में इमरान खान ने कहा कि भारत के साथ हमारे रिश्ते सामान्य होने पर क्षेत्र में व्यापार की संभावनाओं में अपार वृद्धि होगी. इमरान का बयान ऐसे समय में आया है जब पांच महीने पहले पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले के बाद भारत के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को कम कर दिया था. इमरान ने कहा- शांति स्थापना के बिना आर्थिक प्रगति संभव नहीं: जानकारी मिली की इमरान ने कहा कि उनका हमेशा से मानना है कि शांति स्थापना के बिना आर्थिक प्रगति संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ ही नहीं ईरान के साथ भी अपने रिश्ते सुधारना चाहते हैं. दोनों के साथ बातचीत के जरिए सभी समस्याओं का समाधान करना चाहते हैं. पाक ने फिर लगाई मध्यस्थता की गुहार: इमरान खान ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका समेत दुनिया के देशों से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए मध्यस्थता की अपील की. उन्होंने कहा कि परमाणु हथियार संपन्न दो पड़ोसी युद्ध के मुहाने पर पहुंच जाएं, उससे पहले अंतरराष्ट्रीय समुदाय को काम करना होगा. इमरान ने कहा- पाक में प्रशासन सही रास्ते पर आ जाए तो समस्याएं सुलझ जाएंगी: वहीं यह भी कहा जा रहा यही कि इमरान खान ने कहा कि अगर उनके देश में प्रशासन सही रास्ते पर आ जाए तो आधी से ज्यादा समस्याएं सुलझ जाएंगी. उन्होंने कहा कि अतीत में खराब प्रशासनिक व्यवस्था के चलते उनका देश अपनी आर्थिक क्षमता का पूरा उपयोग नहीं कर सका.