अहमदाबाद: गुजरात के वलसाड जिले के कपराडा तालुका के उस गाँव में भी चर्च बनाया जा रहा है, जहाँ सरकारी कागज़ातों में एक भी ईसाई नहीं रहता है। यही नहीं चर्च का निर्माण पंचायत के फैसले को दरकिनार कर किया जा रहा है। सरपंच समेत स्थानीय लोगों ने कलेक्टर कार्यालय में इस संबंध में शिकायत करते हुए उन पर कड़ी कार्रवाई की माँग की है जो अवैध तरीके से चर्च निर्माण कर रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, कपराडा तालुका के अंतर्गत आने वाले शाहुदा गाँव में एक भी ईसाई नहीं रहता है। गाँव के दफ्तर में भी किसी व्यक्ति का पंजीकरण ईसाई के रूप में नहीं है। बावजूद इसके ग्राम पंचायत के फैसले का उल्लंघन कर चर्च बनाया जा रहा है। शिकायत के मुताबिक, इसके पीछे वन विभाग में कार्यरत चंदरभाई चौधरी है। वह ईसाई होने का दावा करता है। हालॉंकि सरकारी कागज़ातों में चंदरभाई ने भी खुद को ईसाई के रूप में दर्ज नहीं करवाया है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत की इजाजत नहीं होने के बाद भी चंदरभाई चर्च का निर्माण करवा रहा है। अन्य ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने वक़्त रहते उचित कार्रवाई नहीं की, तो कोई अप्रिय घटना भी घट सकती है। इसी स्थिति का जिम्मेदार प्रशासन होगा। स्थानीय निवासियों का कहना है कि क्षेत्र के कम पढ़े-लिखे लोगों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण का प्रयास किया जाता है। गरीबों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए कई तरह के लालच दिए जा रहे हैं। उन्हें हिंदू देवी-देवताओं के संबंध में गलत और अपमानजनक बातें बता कर पथ भ्रष्ट करने की साजिश चल रही है। ग्रामीणों का कहना है कि इन्हीं प्रलोभनों के दम पर कई गाँवों में चर्च बनाए जा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकतर चर्चों का निर्माण अवैध रूप से सरकारी और वन विभाग की जमीनों पर किया गया है। स्थानीय निवासियों ने इस प्रकार के चर्च के निर्माण के लिए की जाने वाली फंडिंग को लेकर भी चिंता प्रकट की है। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, शाहुदा गाँव में इसी साल जुलाई में सामूहिक धर्मांतरण किया गया था। जिसमे 20 परिवारों के 90 लोग ईसाई बना दिए गए थे। पता चला है कि इस धर्मांतरण के लिए प्रशासन की इजाजत भी नहीं ली गई थी। इस घटना के बाद ग्राम पंचायत की तरफ से कपराडा के PSI को लिखित शिकायत भी दी गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। तापी में भी सामने आया था ऐसा मामला:- बता दें कि इससे पहले भी तापी जिले के अंतर्गत आने वाले सोनगढ़ गाँव में एक प्राचीन हिंदू मंदिर के स्थान पर चर्च बनाए जाने की खबर सामने आई थी। नवरात्रि के मौके पर जब हिंदू पूजा करने के लिए प्राचीन मंदिर पहुँचे, तो उस वक़्त ईसाइयों की भीड़ भी वहाँ पहुँच गई और हंगामा कर दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने हिंदुओं को पहाड़ी पर भी जाने से रोका। जानकारी के अनुसार, प्राचीन हिंदू मंदिर को ध्वस्त कर उस स्थान पर स्थानीय ईसाइयों ने चर्च (Church) का निर्माण कर दिया था। उस चर्च का नाम उन्होंने मरियम माता का मंदिर (Mariam Mata’s Temple) रखा था। मौके पर पुलिस के पहुँचने के बाद हिंदू माता की पूजा कर सके थे। 'बिहार के आधे से अधिक नेता पीते हैं शराब..', शराबबंदी पर जीतनराम मांझी का तंज हरियाणा में शादी के लिए धर्मान्तरण पर लगी रोक, कानून तोड़ने पर 10 साल की जेल भारत जोड़ो यात्रा में 9 दिनों का महाब्रेक, लोग बोले- न्यू ईयर मनाने विदेश जा रहे राहुल गांधी