नई दिल्ली: मौजूदा राष्ट्रपति का कार्यकाल आज यानी 25 जुलाई को खत्म हो रहा है। हालाँकि इससे पहले बीते रविवार को उन्हेंने देश को आखिरी बार संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, 'मेरे जीवन के सबसे यादगार पलों में से मेरे कार्यकाल के दौरान मेरे घर का दौरा करना कानपुर में अपने शिक्षकों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेना है। हमारी जड़ों से जुड़ाव भारत का सार रहा है। मैं युवा पीढ़ी से अनुरोध करूंगा कि वे अपने गांव या कस्बे, अपने स्कूलों शिक्षकों से जुड़े रहने की इस परंपरा को जारी रखें। यदि परौंख गांव के रामनाथ कोविंद आज आपको संबोधित कर रहे हैं, तो यह हमारी जीवंत लोकतांत्रिक संस्थाओं की अंतर्निहित शक्ति के कारण ही है। मैं देश भर में अपनी यात्राओं के दौरान नागरिकों के साथ अपनी बातचीत से प्रेरित सक्रिय हुआ हूं। मुझे समाज के सभी वर्गों से पूरा सहयोग, समर्थन आशीर्वाद मिला। मैं सभी साथी नागरिकों आपके चुने हुए प्रतिनिधियों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।' इसके अलावा उन्होंने कहा- 'आज से पांच साल पहले, आप सबने मुझ पर अपार भरोसा जताया था अपने निर्वाचित जन-प्रतिनिधियों के माध्यम से मुझे भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुना था। आज मेरा कार्यकाल पूरा हो रहा है। इस अवसर पर मैं आप सभी के साथ कुछ बातें साझा करना चाहता हूं। सबसे पहले, मैं आप सभी देशवासियों के प्रति तथा आपके जन-प्रतिनिधियों के प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। पूरे देश में अपनी यात्राओं के दौरान, नागरिकों के साथ हुए संवाद संपर्क से मुझे निरंतर प्रेरणा मिलती रही। छोटे-छोटे गांवों में रहने वाले हमारे किसान मजदूर भाई-बहन, नई पीढ़ी के जीवन को संवारने वाले हमारे शिक्षक, हमारी विरासत को समृद्ध बनाने वाले कलाकार, हमारे देश के विभिन्न आयामों का अध्ययन करने वाले विद्वान, देश की समृद्धि बढ़ाने वाले उद्यमी, देशवासियों की सेवा करने वाले डॉक्टर व नर्स, राष्ट्र-निर्माण में संलग्न वैज्ञानिक व इंजीनियर, देश की न्याय व्यवस्था को योगदान देने वाले न्यायाधीश व अधिवक्ता, प्रशासन तंत्र को सुचारु रूप से चलाने वाले सिविल सर्वेंट्स, हर वर्ग को विकास से जोड़ने में सक्रिय हमारे सामाजिक कार्यकर्ता, भारतीय समाज में आध्यात्मिक प्रवाह को बनाए रखने वाले सभी पंथों के आचार्य व गुरुजन आप सभी ने मुझे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में भरपूर सहयोग दिया है। संक्षेप में कहूं तो समाज के सभी वर्गों का मुझे पूरा सहयोग, समर्थन व आशीर्वाद मिला है।' Koo App WATCH NOW - Farewell address to the nation by Hon’ble outgoing President #RamNathKovind on DD National & Live-Stream on https://youtu.be/J2ONYOsPgI0 View attached media content - Prasar Bharati News Services (@pbns_india) 24 July 2022 इसी के साथ उन्होंने कहा, 'मेरे मनो-मस्तिष्क में वे सभी क्षण विशेष रूप से अंकित रहेंगे, जब मेरी मुलाकात अपनी सेनाओं, अर्धसैनिक बलों, तथा पुलिस के बहादुर जवानों से होती थी। उन सभी में देशप्रेम की अद्भुत भावना देखने को मिलती है। अपनी विदेश यात्राओं के दौरान, जब भी प्रवासी भारतीयों के साथ मेरा मिलना हुआ, हर बार मुझे मातृभूमि के प्रति उनके गहरे प्यार अपनेपन का एहसास हुआ। देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार समारोहों के दौरान, मुझे अनेक असाधारण प्रतिभाओं से मिलने का अवसर मिला। वे सभी पूरी लगन, अटूट समर्पण दृढ़ निष्ठा के साथ एक बेहतर भारत के निर्माण में सक्रिय हैं। इस प्रकार, अनेक देशवासियों से मिलने के बाद मेरा यह विश्वास भी दृढ़ हुआ कि हमारे निष्ठावान नागरिक ही वास्तविक राष्ट्र-निर्माता हैं। वे सभी भारत को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हैं। ऐसे सभी निष्ठावान देशवासियों के हाथों में हमारे महान देश का भविष्य सुरक्षित है।' वहीं आगे उन्होंने कहा, 'आजकल सभी देशवासी 'आजादी का अमृत महोत्सव' मना रहे हैं। अगले महीने हम सब भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाएंगे। हम 25 वर्ष की अवधि के उस 'अमृत काल' में प्रवेश करेंगे, जो स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष अर्थात 2047 में पूरा होगा। ये विशेष ऐतिहासिक वर्ष हमारे गणतंत्र के प्रगति-पथ पर मील के पत्थर की तरह हैं। हमारे लोकतन्त्र की यह विकास यात्रा, देश की स्वर्णिम संभावनाओं को कार्यरूप देकर विश्व समुदाय के समक्ष एक श्रेष्ठ भारत को प्रस्तुत करने की यात्रा है। आधुनिक काल में, हमारे देश की इस गौरव यात्रा का आरंभ ब्रिटिश हुकूमत के दौरान राष्ट्रवादी भावनाओं के जागरण स्वाधीनता संग्राम के साथ हुआ। उन्नीसवीं शताब्दी के दौरान पूरे देश में पराधीनता के विरुद्ध अनेक विद्रोह हुए। देशवासियों में नयी आशा का संचार करने वाले ऐसे विद्रोहों के अधिकांश नायकों के नाम भुला दिए गए थे। अब उनकी वीर-गाथाओं को आदर सहित याद किया जा रहा है। उन्नीसवीं सदी के अंतिम तथा बीसवीं सदी के आरंभिक वर्षों में नवीन जन-चेतनाओं का संचार हो रहा था स्वाधीनता संग्राम की अनेक धाराएँ प्रवाहित हो रही थीं।' इसी के साथ उन्होंने कहा- ''प्रथम नागरिक के रूप में, यदि अपने देशवासियों को मुझे कोई एक सलाह देनी हो तो मैं यही सलाह दूंगा। अपने वक्तव्य का समापन करते हुए मैं एक बार फिर सभी देशवासियों के प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। भारत माता को सादर नमन करते हुए मैं आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना करता हूं।'' टैक्‍स भरने के मामले में नंबर वन बना ये अभिनेता, मिला सम्‍मान-पत्र Ind Vs WI: भारत को चाहिए थे 10 ओवर में 100 रन, फिर आए अक्षर पटेल और पलट गया गेम सलमान के साथ यूलिया वंतूर ने मनाया जन्मदिन, वीडियो-फोटोज वायरल