जर्मनी में 11 दरिंदों ने किया 14 साल की बच्ची का बलात्कार, लेकिन सजा उस लड़की को जिसने बलात्कारियों को कहा 'सूअर' !

बर्लिन: जर्मनी में 14 वर्षीय लड़की का दुष्कर्म करने वाले बलात्कारियों को सजा नहीं दी गई, जबकि इन दरिंदों की आलोचना करने वाली एक लड़की को जेल में डाल दिया गया। 14 वर्षीय लड़की का सामूहिक दुष्कर्म करने वाले अधिकांश बलात्कारी जर्मनी में इस्लामी मुल्कों से आए हुए अवैध घुसपैठिए थे। खबरों के मुताबिक, जर्मनी के हैम्बर्ग की निवासी एक 20 वर्षीय लड़की ने गुस्से में इन बलात्कारियों पर कुछ टिप्पणियाँ कर दी थी। लड़की ने लिखा था कि, “क्या तुम लोगों को आईने में देखकर शर्म नहीं आती है।” लड़की ने बलात्कारियों को सुअर और धरती पर बोझ कहा था। बलात्कारियों ने लड़की की इन टिप्पणियों को लेकर पुलिस में शिकायत कर दी।

हैरानी की बात तो ये है कि, बलात्कारियों को सूअर करने वाली उस लड़की पर कोर्ट में मुकदमा चलाया गया और बलात्कारियों की बेइज्जती करने के इल्जाम में उसे 2 दिन के लिए जेल में डाल दिया गया। यह इन बलात्कारियों को दी गई सजा से भी ज्यादा थी, क्योंकि उन्हें तो बगैर किसी दंड के ही छोड़ दिया गया था। इस मामले को लेकर प्रशासन की काफी निंदा हो रही थी। 

 

रिपोर्ट के अनुसार, 14 साल की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का यह मामला 2020 का है। पीड़िता हैम्बर्ग के एक पार्क में अपने दोस्तों के साथ बैठी हुई थी। कोरोना को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों के आधार पर पुलिस ने जब यहाँ दबिश दी, तो उसके सभी दोस्त भाग निकले। इसके बाद पीड़िता इसके बाद अकेली पर पड़ गई और रास्ता तलाशने लगी। इसी दौरान यहाँ घूम रहे 4 दरिंदों ने उसके साथ बारी बारी से दुष्कर्म किया। इन लोगों ने लड़की का वीडियो उतारकर सोशल मीडिया पर डाल दिया और बाकी साथियों को भी पीड़िता का बलात्कार करने के लिए बुला लिया। इसके बाद उसका दो और लोगों ने उसका रेप किया। इसके बाद एक और आदमी आया और उसका रेप किया।

इसके बाद तीन और दरिंदे आए और उन्होंने भी लड़की का रेप किया। इन बलात्कारियों ने पीड़िता का फोन और पर्स भी छीन लिया। इसके बाद वह किसी प्रकार वहां से जान बचाकर भागी। उसने पुलिस को यह पूरा मामला बताया। मामले में छानबीन के बाद 11 लोगों को आरोपित बनाया गया। इनमें से 5 के पास जर्मनी के पासपोर्ट बरामद हुए, बाकी के सभी आरोपी जर्मनी के नागरिक नहीं थे और इस्लामी मुल्कों से यहाँ अवैध तौर पर घुसे थे। इन 11 में से 2 लोग सबूतों के ना होने की वजह से छूट गए। बाकी के 9 बलात्कारी अलग-अलग देशों के थे, जिनमे से कुछ ने जर्मनी का पासपोर्ट बनवा लिया था।

रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से 1 बलात्कारी पोलैंड, 1 सीरिया, 1 अफगान, 1 कुवैती, 1 ईरानी, 1 लीबियाई, 1 आर्मेनियाई, 1 मिस्र का और 1 मोंटेनेग्रो का नागरिक था। इन लोगो ने पीड़िता का रेप कर उसकी वीडियो भी बनाई थी और बाद में डिलीट कर दी थी। जर्मनी की अदालत ने सभी सबूत होने के बाद भी इन 9 बलात्कारियों में से 8 को बिना किसी दंड के छोड़ दिया। वहीं, लड़की इस पूरी घटना के बाद डिप्रेशन में चली गई है। वहीं अदालत के इस फैसले के बाद इन बलात्कारियों को सूअर कहने वाली लड़की को कोर्ट ने सजा दे दी। अकेली इस महिला के खिलाफ ही एक्शन नहीं हुआ, बल्कि हैम्बर्ग में 140 लोगों की जाँच पुलिस ऐसे ही मामले में कर रही है।

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