उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में नरभक्षी बाघ का आतंक इतना छाया हुआ है कि पिछले 8 माह में अब तक 14 लोग बाघ का आहार बन चुके है. आदमखोर हो चुका यह बाघ अपने शिकार की तलाश में रहता है. इस कारण ग्रामवासी हमेशा भयभीत रहते है. इस बारे में बाघ के शिकार से घायल किसान गोपाल ने बताया कि वो खेत में काम करने के दौरान अचानक बाघ ने उनपर हमला कर दिया. इस हमले में गोपाल बेहोश हो गए. जबकि आस-पास में काम करने वाले किसान तो भाग गए लेकिन गोपाल के बेटे बीरू ने बाघ के मुंह पर पत्थर मार दिया जिससे बाघ छलांग लगाते हुए दूसरे खेत में भाग गया. हालाँकि इस हमले में गोपाल बुरी तरह घायल हो गया . कई लोग इस बाघ के हमले के शिकार हो चुके हैं. आये दिन एक के बाद एक हमले में लोग अपनी जान गवां रहे हैं.लेकिन यह नरभक्षी अभी तक पकड़ में नहीं आया है. बता दें कि रिजर्व के अधिकारियों ने इस बाघ के आतंक से बचने के लिए पूरे इलाके में अलर्ट जारी कर दिया है. लोगों को शाम के समय बाहर ना निकलने और झुण्ड बनाकर चलने की हिदायत दी है. यही नहीं इस आदमखोर को पकड़ने के लिए आसपास के इलाकों में कैमरे भी लगा दिये है.इसके अलावा प्रदेश की सरकार ने कर्नाटक सरकार से 12 हाथियों की मांग की है. इनमे से 4 पीलीभीत टाइगर रिजर्व को मिलेंगे. इन हाथियों की मदद से वन रेंजर्स बाघों को पकड़ेंगे. एक बाघ को पकड़कर लखनऊ चिड़ियाघर भेज दिया गया है. यह भी देखें रणथंभौर टाईगर रिज़र्व में ग्रामीण पर बाघ का हमला बदला जा सकता है मुगलसराय स्टेशन का नाम, राज्य सरकार ने दिया प्रस्ताव