भिखारियों के मामले में एमपी पांचवे क्रम पर

एमपी ; हमारे देश में भीख मांगने को सामाजिक कोढ़ कहा गया है और इसे सामाजिक अपराध भी माना गया है.हालाँकि भिखारियों को रोकने के लिए राज्य सरकारें कोशिश भी करती हैं, लेकिन भीख मांगने वालों की संख्या घटने के बजाय बढ़ती ही जा रही है. केंद्र सरकार ने देश में भिखारियों के जो आंकड़े जारी किए हैं, वह चौंकाने वाले हैं.

आपको बता दें कि लोकसभा में सामाजिक कल्याण मंत्री थावरचंद गहलोत द्वारा लोकसभा में पेश रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुल 4,13,670 भिखारी हैं, जिनमें 2,21,673 भिखारी पुरुष और 1,91,997 महिलाएं हैं.देश भर में भिखारियों की संख्या के मामले में सामाजिक कल्याण मंत्री का गृह राज्य मध्य प्रदेश पांचवें क्रम पर है. मध्य प्रदेश में 28,695 भिखारी है, जिसमें से 17506 पुरुष और 11189 महिला भिखारी हैं.

मिली जानकारी के अनुसार देश में सबसे अधिक भिखारी होने का रिकार्ड पश्चिम बंगाल के नाम है.यहां 81 हजार भिखारी हैं. जबकि भिखारियों की सूची में उत्तर प्रदेश का दूसरा और आंध्र प्रदेश का स्थान तीसरा है. बिहार इस सूची में चौथे क्रम पर है.जबकि पूर्वोत्तर के राज्यों में भिखारियों की संख्या बहुत कम है.हालाँकि दूसरे पहलू से देखें तो कोई भी व्यक्ति भिखारी नहीं बनता , मजबूरियां उन्हें  ऐसा करने को विवश करती है .बेरोजगारी, सामाजिक अपमान जैसे कारणों से भी लोग घर छोड़कर अन्य जगह भीख मांगने चले जाते हैं 

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