यह बात तो हम सभी जानते है कि हम सभी नव वर्ष में प्रवेश कर चुके है, इस सिलसिले की शुरुआत 20 मार्च को ऑल इंग्लैंड ओपन में लक्ष्य सेन के सिल्वर मैडल जीतने के साथ हुई। उत्तराखंड से आने वाले 20 साल बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य भले ही अपने पहले सुपर 1000 फाइनल में टोक्यो ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सलसन से हार चुके है, लेकिन वह 21 वर्ष के उपरांत ऑल इंग्लैंड ओपन चैंपियनशिप में चांदी जीतने वाले पहले इंडियन खिलाड़ी भी बने। लक्ष्य और इंडियन बैडमिंटन का सफर यहीं नहीं रुका और इंडिया की पुरुष टीम ने थॉमस कप में ऐतिहासिक जीत भी हासिल की है। फाइनल में लक्ष्य के अलावा किदांबी श्रीकांत और चिराग शेट्टी-सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी की जोड़ी ने भी शानदार प्रदर्शन किया और भारत को 73 वर्ष में पहली बार यह टूर्नामेंट भी जीता दिया है। राष्ट्रमंडल खेलों के टीम आयोजन में जहां इंडियन बैडमिंटन ने चांदी का तमगा हासिल किया, वहीं लक्ष्य, पी वी सिंधू और सात्विक-चिराग की जोड़ी ने अपनी-अपनी प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीते। अपने स्वर्णिम दौर से गुजर रही सात्विक-चिराग की पुरुष युगल जोड़ी यहां भी नहीं रुकी और उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप (कांस्य) एवं फ्रेंच ओपन (स्वर्ण) में ऐतिहासिक पदक जीतकर 2022 पर अपनी छाप भी छोड़ दी है। एक वर्ष पहले टोक्यो ओलंपिक में देश का एकमात्र गोल्ड मेडल जीतने वाले भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने भी इस साल को अपने नाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ पाई है। IPL 2023 से बाहर हुए ऋषभ पंत, तो कौन होगा दिल्ली कैपिटल्स का कप्तान ? भारत के एकलौते क्लब ने दी फुटबॉल के किंग को श्रद्धांजलि, मोहन बागान में होगा पेले गेट रोनाल्डो के हाथ लगी बड़ी उपलब्धि, हर साल मिलेंगे इतने करोड़